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BLOG: लॉर्ड्स के मैदान में गेंदबाज क्यों हो जाते हैं ज्यादा खतरनाक?
गुरूवार को भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट के लिए मैदान में उतरेगी. एजबेस्टन टेस्ट में जीत के बाद इंग्लैंड की टीम पांच मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे है.

गुरूवार को भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट के लिए मैदान में उतरेगी. एजबेस्टन टेस्ट में जीत के बाद इंग्लैंड की टीम पांच मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे है. एजबेस्टन में भारतीय टीम की खराब बल्लेबाजी की वजह से उसे सिर्फ 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा था. लॉर्ड्स टेस्ट मैच इस लिहाज से अहम है क्योंकि अगर भारतीय टीम ने यहां बराबरी नहीं की तो फिर सीरीज में जीत हासिल करने का सपना तो छोड़ना ही पड़ेगा.
2-0 की बढ़त के बाद सीरीज जीतना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है. लिहाजा भारतीय टीम को जान झोंकनी होगी. भारतीय टीम में थोड़ी चर्चा इस बात को लेकर है कि टीम में क्या बदलाव किया जाए. चेतेश्वर पुजारा को प्लेइंग 11 में शामिल करने पर चर्चा है. उन्हें शिखर धवन की जगह पर खिलाया जाए या हार्दिक पांड्या की जगह पर इसको लेकर चर्चा है. अगर शिखर को बाहर बिठाकर पुजारा को खिलाया जाता है तो क्या पांड्या को बाहर बिठाकर एक और स्पिनर को टीम में शामिल किया जाना चाहिए.
इन सारे सवालों का जवाब फिलहाल टीम इंडिया मैनेजमेंट तलाश रहा है. साथ ही साथ इन सवालों के बीच एक ‘सुपर सवाल’ भी है. ये सुपर सवाल उस स्लोप यानी ढलान को लेकर है जो वर्षों से लॉर्ड्स के मैदान में है और गेंदबाजों को फायदा पहुंचाती है. अगर आप लॉर्ड्स के इस स्लोप की कहानी से परिचित नहीं है तो आपको बताते हैं.
क्या है ये लॉर्ड्स के ढलान की कहानी
लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान लंदन के सेंट जॉन्स वुड इलाके में है. जब ये क्रिकेट मैदान बनाया गया तब से ही यहां 2.5 मीटर का स्लोप है यानी ढलान है. बाद में इस ढलान को ठीक करने की बात भी कई बार उठी लेकिन एमसीसी ने ये कहकर इस मांग को खारिज कर दिया कि अगर ढलान को ठीक करना है तो स्टेडियम को दोबारा बनाना पड़ेगा. स्टेडियम को दोबारा बनाने का मतलब है कि वहां काफी ‘कंस्ट्रक्शन’ करना होगा जिससे लंबे समय तक वहां क्रिकेट नहीं खेली जा सकेगी.
लिहाजा लॉर्ड्स के मैदान में अब भी उसी स्लोप के साथ क्रिकेट खेली जाती है. ये ढलान पिच के आस पास ही है. लिहाजा इसका सबसे बड़ा नुकसान बल्लेबाजों को होता है. यूं तो पिछले कुछ दशक में क्रिकेट के नियम बल्लेबाजों को फायदा पहुंचाने वाले रहे हैं लेकिन लॉर्ड्स के मैदान की बनावट ऐसी है कि ये फायदा गेंदबाजों को मिलता है. 9 तारीख से इसी मैदान में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाले टेस्ट मैच से पहले भारतीय टीम मैनेजमेंट के कुछ लोगों ने सबसे पहले पिच पर जाकर इसी स्लोप का जायजा लिया. राहत की बात ये है कि 2014 में इसी मैदान में ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार ने इसी स्लोप का फायदा उठाते हुए टीम इंडिया को जीत दिलाई थी.
2014 में चमके थे भारतीय गेंदबाज
इस स्लोप का असर ये होगा कि नर्सरी एंड से ईशांत शर्मा या किसी और सीधे हाथ के गेंदबाज की गेंद सीधे हाथ के बल्लेबाज के लिए अंदर आएगी. पवेलियन छोर से इसका ठीक उलटा होगा. यानी वही सीधे हाथ का गेंदबाज जब इस छोर से गेंदबाजी करेगा तो उसकी गेंद सीधे हाथ के बल्लेबाज के लिए बाहर जाएगी. बल्लेबाज के लिए इस तरह का ‘एडजेस्टमेंट’ करना मुश्किल रहता है.
2014 में यही ‘कन्फ्यूजन’ इंग्लिश टीम को भारी पड़ा था. लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में भुवी ने 6 विकेट चटकाए थे जबकि दूसरी पारी में ईशांत ने 7 विकेट चटकाए थे. ईशांत शर्मा ने पहले टेस्ट मैच में भी शानदार गेंदबाजी की थी. उन्हें लॉर्ड्स में नर्सरी एंड से शानदार इनस्विंग कराने का मौका मिलेगा. लिहाजा वो इंग्लैंड के बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल सकते हैं.
मोहम्मद शमी भी लॉर्ड्स में कारगर साबित होंगे. वो वैसे भी स्विंग अच्छी करते हैं. इन सारी बातों के साथ साथ ये भी याद रखना चाहिए कि सावधानी में ही सुरक्षा है. भारतीय बल्लेबाजों को भी बच कर रहना होगा. इस मैदान में जेम्स एंडरसन के रिकॉर्ड्स शानदार हैं. वो लॉर्ड्स में विकेटों का शतक बनाने के लिए तैयार हैं. उनसे बचने और रन बनाने के बाद ही भारतीय गेंदबाजों का रोल शुरू होगा.
मोहम्मद शमी भी लॉर्ड्स में कारगर साबित होंगे. वो वैसे भी स्विंग अच्छी करते हैं. इन सारी बातों के साथ साथ ये भी याद रखना चाहिए कि सावधानी में ही सुरक्षा है. भारतीय बल्लेबाजों को भी बच कर रहना होगा. इस मैदान में जेम्स एंडरसन के रिकॉर्ड्स शानदार हैं. वो लॉर्ड्स में विकेटों का शतक बनाने के लिए तैयार हैं. उनसे बचने और रन बनाने के बाद ही भारतीय गेंदबाजों का रोल शुरू होगा.
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