एक्सप्लोरर

कैसी है भारत की धार्मिक आत्मा, जानिए अनूठे सर्वे के रोचक नतीजे

दुनिया के 43 देशों में जहां लोगों का झुकाव अपने धर्म के प्रति कम हुआ है, तो वहीं भारत एक जबरदस्त धार्मिक देश के रूप में उभर रहा है. पिछले कुछ सालों में तकरीबन हर मजहब के लोगों ने अपनी पूजा-पद्धति को अपनाने और उसके जरिए अपनी सामाजिक पहचान बनाने की तरफ कुछ ज्यादा ही ध्यान देना शुरू किया है. भारत में धर्म कितना महत्वपूर्ण है और लोग एक-दूसरे के मजहब का कितना सम्मान करते हैं, ऐसे तमाम मुद्दों को लेकर हाल ही में एक सर्वे हुआ है, जिसके नतीजे दिलचस्प भी हैं, तो कुछ चौंकाने वाले भी हैं.  पेव रीसर्च सेंटर (Pew Research Centre) द्वारा किये गये इस सर्वे में विभिन्न धर्मों के करीब 30 हजार लोगों से कुछ सवाल पूछे गए थे, जिसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है.

दिलचस्प बात ये है कि अलग-अलग धर्म के अधिकांश लोगों ने माना कि वे दूसरे मजहब की विचारधारा का सम्मान करते हैं, क्योंकि उनका धर्म उन्हें यही शिक्षा देता है. ऐसा मानने वाले 80 प्रतिशत हिंदू थे, जबकि 79 फीसदी मुसलमान. अगर धर्म से पहले राष्ट्र की बात की जाये, तो 85 प्रतिशत हिंदुओं ने माना कि पहले सच्चा भारतीय होना ज्यादा महत्वपूर्ण है, जबकि ऐसा कहने वाले मुसलमान 78 प्रतिशत थे. धार्मिक अलगाव से आखिर देश का ही नुकसान होता है, यह सोच रखने वाले लोग दोनों ही धर्म में हैं, लेकिन इनका प्रतिशत बहुत कम महज़ 24 प्रतिशत है, जो चिंता की बात होनी चाहिए. दोनों ही धर्म में ऐसे लोग बेहद थोड़े हैं, जो पुनर्जन्म में विश्वास रखते हों, लेकिन इस बात पर दोनों तरफ एक जैसी ही धार्मिक समझ है कि कर्म के बगैर कुछ नहीं मिलता.

एक तरह की धार्मिक समझ होने के बावजूद दोनों धर्मों के बीच एक तीखी सीमा रेखा भी खींची हुई है और वह है शादी को लेकर. फिर भले ही महिला हो या पुरुष लेकिन 70 प्रतिशत हिंदू व मुसलमान दूसरे धर्म में विवाह करने के खिलाफ हैं.

अगर सहनशीलता की बात करें तो हैरान करने वाला एक तथ्य यह भी सामने आया है कि 45 प्रतिशत हिन्दू नहीं चाहते कि उनका पड़ोसी किसी और धर्म का हो. हालांकि इस सर्वे के नतीजों में इसका कोई जिक्र नहीं है कि ऐसी सोच रखने वाले मुसलमानों का प्रतिशत कितना है. दूसरी चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि जैन सम्प्रदाय के 61 प्रतिशत लोग कभी नहीं चाहेंगे कि उनका पड़ोसी कोई मुसलमान, सिख या ईसाई हो.

अगर धर्मांतरण का मुद्दा लें तो यह महज एक प्रतिशत है और बताया गया है कि इसमें भी हिंदू धर्म को कोई ख़ास नुकसान नहीं हुआ है. जितने धर्म छोड़कर जाते हैं, तक़रीबन उतने ही वापस भी लौट आते हैं. लेकिन हां, क्षेत्रीयता के आधार पर दक्षिण भारत में ईसाइयत को जरूर इसका फायदा मिला है.

जहां तक खानपान की बात है, तो इसे लेकर दोनों ही धर्म में सख्त नियम हैं. मसलन, हिंदू धर्म में गोमांस को और इस्लाम में सुअर का मीट खाना पाप समझा गया है और दोनों तरफ इसी एक वजह से किसी को अपने धर्म से बाहर किया जा सकता है. हालांकि दोनों ही धर्म में अंतरजातीय विवाह का विरोध करने वाले लोगों की संख्या में कुछ कमी आई है और इसका कारण कॉलेज-शिक्षा को भी मान सकते हैं, लेकिन फिर भी 63 प्रतिशत हिंदू और 70 फीसदी मुसलमान अब भी इसके खिलाफ हैं.

धार्मिक भेदभाव को लेकर 24 फ़ीसदी मुसलमानों की सोच है कि उनके साथ बहुत ज्यादती हो रही है, लेकिन रोचक बात ये है कि 16 प्रतिशत ऐसे मुसलमान भी हैं जो मानते हैं कि हिंदुओं के साथ भेदभाव हो रहा है.

सर्वे के नतीजों में एक अच्छी बात यह उभरकर आई है कि राष्ट्रवाद को लेकर भारत बहुत मजबूत हुआ है और सभी धर्मों में यह भावना समान रूप से देखने को मिली है. करीब 80 फीसदी मुसलमान राष्ट्रीय प्रतीकों में पूरी निष्ठा रखते हैं, सिर्फ राष्ट्रगान के कुछ बिंदुओं पर उनका हिंदुओं से विरोध है. भारत के विभाजन को हिंदुओं के मुकाबले मुसलमान ज्यादा बुरा मानते हैं, लेकिन 66 प्रतिशत सिख इसे सबसे बुरी त्रासदी बताते हैं. अच्छी बात यह भी है कि सभी धर्मों में करीब 65 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो साम्प्रदायिक हिंसा को सबसे बड़ी चिंता का विषय समझते हैं. 

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

पुतिन न स्मार्टफोन चलाते हैं और न इंटरनेट, दूरी क्यों? रूस के राष्ट्रपति ने खुद की किया खुलासा
पुतिन न स्मार्टफोन चलाते हैं और न इंटरनेट, दूरी क्यों? रूस के राष्ट्रपति ने खुद की किया खुलासा
राहुल गांधी और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात संभव नहीं? शिवसेना सांसद बोले- 'किससे मिलना है किससे नहीं यह...'
राहुल गांधी और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात संभव नहीं? शिवसेना सांसद बोले- 'किससे मिलना है और...'
दो प्लेन, एक राष्ट्रपति… दुनिया देखती रह गई, पुतिन की सीक्रेट फ्लाइट का भेद दिल्ली पहुंचकर खुला!
दो प्लेन, एक राष्ट्रपति… दुनिया देखती रह गई, पुतिन की सीक्रेट फ्लाइट का भेद दिल्ली पहुंचकर खुला!
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
ABP Premium

वीडियोज

सुंदर बच्चियों की 'सीरियल किलर' LADY !  | Sansani | Crime News
India में दिख गया मोदी-पुतिन के 'दोस्ती का दम'...छा गई कार वाली 'केमेस्ट्री'
व्यापार से वॉर तक ये दोस्ती कितनी दमदार ?, देखिए सबसे सटीक विश्लेषण । Punit India Visit
Bharat ki Baat: भारत में दिखा 'दोस्ती का दम', पुतिन का जबरदस्त वेलकम! | Putin India Visit
पुतिन दौरे पर राहुल का 'डिप्लोमेसी बम'...दावे में कितना दम? । Sandeep Chaudhary । Putin India Visit

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पुतिन न स्मार्टफोन चलाते हैं और न इंटरनेट, दूरी क्यों? रूस के राष्ट्रपति ने खुद की किया खुलासा
पुतिन न स्मार्टफोन चलाते हैं और न इंटरनेट, दूरी क्यों? रूस के राष्ट्रपति ने खुद की किया खुलासा
राहुल गांधी और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात संभव नहीं? शिवसेना सांसद बोले- 'किससे मिलना है किससे नहीं यह...'
राहुल गांधी और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात संभव नहीं? शिवसेना सांसद बोले- 'किससे मिलना है और...'
दो प्लेन, एक राष्ट्रपति… दुनिया देखती रह गई, पुतिन की सीक्रेट फ्लाइट का भेद दिल्ली पहुंचकर खुला!
दो प्लेन, एक राष्ट्रपति… दुनिया देखती रह गई, पुतिन की सीक्रेट फ्लाइट का भेद दिल्ली पहुंचकर खुला!
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
मिचेल स्टॉर्क ने हरभजन सिंह को भी पीछे छोड़ा, बनाया ये खास रिकॉर्ड
मिचेल स्टॉर्क ने हरभजन सिंह को भी पीछे छोड़ा, बनाया ये खास रिकॉर्ड
नंदमुरी बालकृष्ण की 'अखंडा 2' की रिलीज टली, शो से कुछ घंटे पहले प्रीमियर भी हुआ कैंसिल, मेकर्स ने जारी किया बयान
नंदमुरी बालकृष्ण की 'अखंडा 2' की रिलीज टली, शो से कुछ घंटे पहले प्रीमियर भी कैंसिल
CBSE में नॉन टीचिंग पदों के लिए निकली वैकेंसी, बिना इंटरव्यू मिल रही नौकरी
CBSE में नॉन टीचिंग पदों के लिए निकली वैकेंसी, बिना इंटरव्यू मिल रही नौकरी
वाइपर के डंडे को बंदूक समझ बैठा शख्स, आते-आते बचा हार्ट अटैक, वीडियो देख पकड़ लेंगे माथा
वाइपर के डंडे को बंदूक समझ बैठा शख्स, आते-आते बचा हार्ट अटैक, वीडियो देख पकड़ लेंगे माथा
Embed widget