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बोइंग के साथ एयर इंडिया की डील से बदलेगी देश की एविएशन तस्वीर
![बोइंग के साथ एयर इंडिया की डील से बदलेगी देश की एविएशन तस्वीर Air India deal with Boeing and Airbus will change aviation industry while picture बोइंग के साथ एयर इंडिया की डील से बदलेगी देश की एविएशन तस्वीर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/15/379fefd01368b50ea7a13967e009204c1676467120583120_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
एयर इंडिया ने बोइंग और एयर बस कुल मिलाकर 470 प्लेन खरीदने की बड़ी डील की है. ये बहुत ही सकारात्मक डील हुई है. इससे दोनों देशों को बहुत फायदा होगा. दोनों देशों के बीच जो आर्थिक साझेदारी है अब वो और मजबूत होगा और दोनों के अर्थव्यवस्था पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ेगा. जैसा कि ये इतनी बड़ी डील है इसके लिए उनको लोग चाहिए होंगे इन्हें बनाने के लिए तो जैसा की यूएस ने कहा कि इससे 44 राज्यों में 10 लाख अमेरिकन नौकरियां पैदा होंगी. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण डेवलपमेंट है क्योंकि हम सब जानते हैं कि अभी वैश्वित अर्थव्यवस्था में मंदी हैं और इससे अमेरिकन अर्थव्यवस्था को पैमरप करने या उसे स्टिमुलेट करने में काफी मदद मिलेगी.
राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह डील उनके लिए काफी माइलेज रखती है. ये डील अमेरिका के लिए भी अच्छा है और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी. क्योंकि इससे एयर इंडिया को अपना फुट जो नेशनल एविएशन में रखने और दूसरे लो कॉस्ट एयरलाइंस जो हैं उनके साथ प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी.
एफिशियेंसी और मॉर्डनाइजेशन को बढ़ावा मिलेगा
इससे घरेलू विमान कंपनियों की एफिसियेंसी और आधुनिकता को बढ़ावा मिलेगा. क्योंकि अगर हम अच्छे एरयक्राफ्ट्स खरीद रहे हैं तो उससे हमारे घरेलू एयर क्राफ्ट की प्रोड्कटिव इफिसिएंसी को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे एविएशन सेक्टर के इफिसिएंसी और प्रोड्क्टिविट में काफी बदलाव आएगा. इस डील के हो जाने से कॉस्ट रेशनलाइजेशन होगा, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. चूंकि हमलोग हवाई सेवाओं का उपयोग करते हैं तो यह लंबे समय में हमारे लिए भी काफी अच्छा है. हमारे लिए भी लॉन्ग टर्म में काफी अच्छा है क्योंकि आगे आने वाले समय में क्वालिटी इम्प्रूवमेंट होगी. इसका प्रभाव कॉस्ट पर भी पड़ सकता है, तो ये काफी अच्छी डील है ये...
16 साल बाद एयर इंडिया ने की डील
एयर इंडिया पहले एक पब्लिक सेक्टर की कंपनी थी, उसको फिर प्राइवेटाइज किया गया और वो पहले काफी घाटे में थी. टाटा के पास से जो एयर इंडिया है उसका सबसे पहले मोटिव ये है कि वो उसको इकोनॉमिकली रिवाइज करना...और कॉमर्शियल एविएशन सेक्टर में उसको एक प्रोमिनेंट प्लेयर बनाना. उसके लिए हम देख रहे हैं कि एक रिकॉर्ड ब्रेक डील हो रही है एयरबस और बोइंग के साथ..ये एयर इंडिया के इकॉनोमिक रिवाइवल की कोशिश हो रही है. क्योंकि दो साल पहले हम ये कहते थे कि एयर इंडिया कितना घाटे में है. टैक्स पेयर्स का पैसा कितना इसमें लगा चुके हैं तो उस चीज को फिर से रिवाइज करने की एक बहुत बड़ी कोशिश है. जिससे एयर इंडिया की प्रोफिटेबिलिटी, एफिशियेंसी, कंपीटिटिवनेश इन सबमें काफी इम्प्रूवमेंट होगा. जैसा की हमने देखा की काफी समय से ये बातचीत चल रही थी.. और अब एक लैंडमार्क मूव देखा है.
एयर इंडिडा की रिवाइवल की छवि
टाटा समूह के पास एयर इंडिया के जाने पर हम उसे एक रिवाइवल की छवि से देख रहे हैं. जब वह सार्वजनिक क्षेत्र की थी तब उसकी छवि काफी धूमिल पड़ गई थी. काफी घाटे की कंपनी बन गई थी और इसके लिए हमें काफी पूंजी खर्च करना पड़ रहा था. इस कारण एक प्रेशर था कि हमें जल्दी से जल्दी एयर इंडिया को प्रावेटाइज करना है. ताकि इसे नए सिरे से एयर इंडिया की फंक्सनिंग और गुणवत्ता को सुधारा जा सके और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परिदृष्य में यह डील काफी अहम है ताकि इसकी छवि में सुधार देखने को मिलेगा. साथ- ही साथ को कस्टमर सर्विस है ऑन एयर और ऑफ एयर उन दोनों में हमें काफी इम्प्रूवमेंट देखने को मिलेगा..
बोइंग के साथ डील क्यों बेहतर?
चूंकि बोइंग वैश्विक स्तर पर एक अक्लेम्ड प्लेयर है तो एयर इंडिया के साथ जो उसकी डील है वो बहुत ही निर्णायक है. क्योंकि बोइंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बोइंग का एक बहुत बड़ा नाम और प्लेयर है कॉमर्शियल एविएशन के फिल्ड में, तो इस डील से एयर वैश्विक स्तर पर एयर इंडिया की विजिवलिटी यानी छवि पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा. यह भी दिखेगा कि एयर इंडिया अपने हित में बोइंग जैसे अंतर्राष्ट्रीय प्लेयर के साथ एक डिल करने में सक्षम है. ये एयर इंडिया के लिए भी बहुत अच्छी बात है कि पिछले एक साल से बोइंग के साथ जो बातचीत चल रही थी वो अंतत: सेटल हो गई है. और इससे एयर इंडिया के बिजनेस के पक्ष में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा...
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