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राष्ट्रपति का अपमान: जुबान फिसली या वाकई मकसद ही यही था?
![राष्ट्रपति का अपमान: जुबान फिसली या वाकई मकसद ही यही था? adhir ranjan chaudhary remark on President droupadi murmu राष्ट्रपति का अपमान: जुबान फिसली या वाकई मकसद ही यही था?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/28/caa4c8a34be47802d1d7df43436430521659027407_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को "राष्ट्रपत्नी" कहे जाने के विवाद ने संसद से लेकर सड़क तक हंगामा बरपा दिया है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के इस बयान को लेकर पार्टी जहां बैक फुट पर आ गई है, तो वहीं बीजेपी ने इस मामले में सोनिया गांधी को भी घसीट लिया है.
हालांकि अधीर ने ये कहते हुए माफ़ी मांग ली है कि उनकी जुबान फिसल गई थी औऱ यह भी कि उनकी हिंदी थोड़ी कमजोर है. लेकिन सवाल उठता है कि अगर राष्ट्रपति का अपमान करने की उनकी नीयत नहीं थी और वाकई ये 'स्लिप ऑफ टंग' था, तो उन्होंने उसी शब्द को आखिर दो बार क्यों दोहराया?
दूसरा सवाल ये भी कि एक सांसद की गलती के लिए कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी से माफी मांगने की जिद पर अड़ना और बीजेपी की महिला सदस्यों द्वारा उनके साथ अशोभनीय बर्ताव करने को किस हद तक जायज़ ठहराया जा सकता है?
हालांकि ये सारा बवाल 27 जुलाई को संसद के बाहर कांग्रेस के अन्य सांसदों के साथ धरने पर बैठे अधीर रंजन चौधरी से एबीपी न्यूज़ के संवाददाता द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब से ही ये सारा बवाल शुरु हुआ. उसकी वीडियो क्लिपिंग देखने से नहीं लगता कि उनकी जुबान फिसली हो क्योंकि उन्होंने उस शब्द को पूरा जोर देते हुए दो बार दोहराया. इसलिये पहली नजर में यही लगता है कि उन्होंने राजनीतिक विवाद खड़ा करने की नीयत से ही राष्ट्रपति के लिए उस अपमानजनक शब्द का प्रयोग किया. लेकिन ये विवाद इतना बढ़ गया है जिसके जल्द खत्म होने के आसार कम ही हैं.
संसद के दोनों सदनों में बीजेपी सदस्यों ने इस पर हंगामा करते हुए सिर्फ अधीर रंजन को ही नहीं बल्कि सोनिया गांधी को भी निशाने पर लिया.विवाद बढ़ता देख गुरुवार को चौधरी मीडिया के आगे ये सफाई देते हुए नजर आए कि बयान देने के बाद उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया था और वे एबीपी न्यूज़ के रिपोर्टर को तलाश रहे थे. जबकि उक्त रिपोर्टर पूरे वक़्त धरना स्थल पर ही मौजूद थे.यहाँ तक कि पुलिस जब विपक्षी सांसदों को अपनी हिरासत में वहां से ले गई,तब भी संबंधित रिपोर्टर वहीं पर मौजूद थे.लिहाजा, और कुछ नहीं,चौधरी अब अपने बचने का बहाना तलाश रहे हैं.
लेकिन इस मुद्दे पर बीजेपी को कांग्रेस के खिलाफ हमलावर होने का मौका मिल गया और सरकार की तरफ से संसद के दोनों सदनों में दो महिला केंद्रीय मंत्रियों ने सोनिया गांधी को घेरने का मोर्चा संभाला. लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर एक महिला के अपमान को मंजूरी दी.
स्मृति ईरानी ने सोनिया को आदिवासी विरोधी, दलित विरोधी और महिला विरोधी भी करार देते कि, "जब से एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था तब से कांग्रेस दुर्भावनापूर्ण उन्हें निशाना बना रही है. उन्हें कांग्रेस नेताओं द्वारा कठपुतली तक कहा गया. कांग्रेसी जानती थी कि भारत के राष्ट्रपति को इस तरह से संबोधित करने से न केवल उनके संवैधानिक पद बल्कि समृद्ध आदिवासी विरासत का भी अपमान होता है, जिसका वे प्रतिनिधित्व करती हैं."
उधर,राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर हमला किया और अधीर रंजन की टिप्पणी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी की मांग की. उन्होंने कांग्रेस नेता की टिप्पणी को ‘‘सेक्सिस्ट’’ (लैंगिक भेदभाव) बताया और कांग्रेस से इसके लिए देश व राष्ट्रपति से माफी मांगने की मांग की.
वहीं कांग्रेस ने दावा किया कि लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत बीजेपी के कई सांसदों एवं मंत्रियों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ अमर्यादित और अपमानजनक व्यवहार किया. ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई थी कि उन्हें (सोनिया को) चोट भी पहुंच सकती थी. मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि अपनी मंत्री और नेताओं के इस व्यवहार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माफी मांगनी चाहिए.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "आज लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमर्यादित और अपमानजनक व्यवहार किया, लेकिन क्या लोकसभा अध्यक्ष इसकी निंदा करेंगे? क्या नियम सिर्फ विपक्ष के लिए होते हैं?"
इस बीच अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि मैं खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर माफी मांगूंगा. बीजेपी तिल का ताड़ बना रही है. मैं बीजेपी के पांखडियों से माफ़ी नहीं मांगूंगा." लेकिन बावजूद इसके आने वाले दिनों में चौधरी की मुश्किलें कम होती नहीं दिखतीं क्योंकि अब उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज हो सकता है और कोर्ट कार्रवाई भी कर सकता है.
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने पहले ही सजा की मांग उठा दी है. वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी चौधरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने और अपनी टिप्पणी के लिए लिखित स्पष्टीकरण देने के लिए एक नोटिस भेजा है. महिला आयोग ने अधीर रंजन चौधरी को 3 अगस्त सुबह 11.30 बजे पेश होने को कहा है.
नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.
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