भारतीय कानून जगत में मशहूर एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. वह बिहार के मधुबनी में पट्टीटोल नाम के छोटे से गांव से ताल्लुक रखते हैं. साथ ही, अब दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के बड़े-बड़े केस लड़ते हैं. साल 2013 के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने LL.M भी किया. वह संविधान, बिजनेस, फैमिली और ह्यूमन राइट्स जैसे मुश्किल कानूनी मामलों के माहिर हैं. क्लाइंट्स की बात करें तो इनमें बड़े-बड़े कॉर्पोरेट, सरकार और आम आदमी सब शामिल हैं. अदालत ने खुद कई बार उनकी तारीफ की है.
कमलेश दिल्ली हाई कोर्ट बार असोसिएशन के सदस्य हैं. वह दिल्ली हाई कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के पैनल में काम करते हैं और दिल्ली में अपनी लॉ फर्म कॉर्पस ज्यूरिस इंडिया के फाउंडर हैं.
पांच से ज्यादा भाषाएं बोलने में माहिर कमलेश की पढ़ाई-लिखाई अहमदाबाद, जालंधर और दीमापुर के केंद्रीय विद्यालय में हुई. दरअसल, आर्मी फैमिली से ताल्लुक होने के कारण वह कई शहरों में रहे और जालंधर के लायलपुर खालसा कॉलेज से ग्रैजुएशन किया. देश के कई हिस्सों में घूमने की वजह से सबकी बात समझते हैं और अपनी मैथिली संस्कृति से भी गहरा लगाव रखते हैं.
कमलेश कुमार मिश्रा सिर्फ कामयाब वकील नहीं, बल्कि दमदार, समझदार और हर तरह से बेहतरीन इंसान भी हैं.