Vastu Tips: बच्चों का पढ़ाई में नहीं लगता मन तो अपनाएं ये वास्तु उपाय, तुरंत दिखेगा असर
Vastu Tips: अगर आपके बच्चे का भी मन पढ़ाई में नहीं लगता है, तो वास्तु के इन नियमों का पालन जरूर करें. ज्योतिषाचार्य से जानें कुछ उपाय जो बच्चों की स्मरण शक्ति और बुद्धि में वृद्धि कर सकता है.

Vastu Tips: पढ़ाई में मन लगाना बहुत जरूरी है. अगर आपका बच्चा पढ़ाई में लगातार पिछड़ रहा है. उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रह, तो आपको वास्तु शास्त्र के कुछ नियम का पालन करना चाहिए. घर में वास्तु दोष होने से नकारात्मकता बढ़ती है. वहीं मन की एकाग्रता नहीं बन पाती. जिससे मानसिक तनाव बढ़ने लगता है.
वास्तु शास्त्र में ऐसे कुछ उपाय बताए गए हैं, जो छात्रों का ध्यान पढ़ाई की ओर केंद्रित करते हैं. अक्सर बच्चों को शिक्षा से संबंधित चीजों को याद रखने में परेशानी का सामना करना पड़ता है और हर वक्त बढ़ते कंपटीशन की वजह से बच्चे तनाव में भी रहते हैं.
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको वास्तु के कुछ ऐसे उपाय बताते हैं, जो बच्चों की याद करने की क्षमता और बुद्धि का विकास करेगा.
क्यों नहीं लगता पढ़ने में मन
सनातन समेत सभी धर्मों में वास्तु नियमों का पालन किया जाता है. इससे घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है. वहीं, लापरवाही बरतने से मानसिक तनाव और धन हानि का खतरा रहता है. इसके लिए ज्योतिष हमेशा घर और घर के सभी कमरों में वास्तु नियमों का पालन करने की सलाह देते हैं.
लोग घर बनाते समय वास्तु नियमों का पालन जरूर करते हैं, लेकिन घर के कमरों में वास्तु के नियमों का पूरी तरह से फॉलो नहीं करते हैं. खासकर, स्टडी रूम में वास्तु के नियमों का पालन न करने से बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता है. इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है. वहीं, कई परेंट्स बच्चों पर दोष मढ़ने लगते हैं.
अक्सर देखा गया है कि बच्चों का अचानक से पढ़ाई लिखाई से मन नहीं लगता और पढ़ाई से संबंधित चीजों को याद रख पाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है साथ ही वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते कंपटीशन की वजह से बच्चे अक्सर तनाव में भी देखे गए हैं. बच्चों की इन समस्या का एक कारण कहीं ना कहीं वास्तु दोष भी हो सकता है.
दिशा का ध्यान रखें
- स्टडी रूम उत्तर पूर्व दिशा में रहना चाहिए. दक्षिण या पश्चिम दिशा में स्टडी रूम होने से बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता है.
- स्टडी रूम में बच्चे का मुख दक्षिण दिशा में न रहें. आसान शब्दों में कहें तो दक्षिण दिशा की ओर मुख कर न बैंठे.
- इस दिशा में अग्नि की प्रधानता होती है. इसके चलते बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता है. साथ ही बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है.
- स्टडी रूम में टेबल पर एजुकेशन टावर, ग्लोब या पिरामिड अवश्य रखें. वहीं, स्फटिक गोले उत्तर दिशा में दिवार पर लगाएं.
- स्टडी रूम में मां शारदे, हनुमानजी और गणेश जी की चित्र जरूर लगाएं.
- बच्चे को रोजाना स्टडी रूम में स्नान करने के बाद हनुमान और सरस्वती चालीसा का पाठ करने के लिए प्रेरित करें.
कहां रखें अलमारी
स्टडी रूम में अलमारी हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में रखें. वहीं, पढ़ाई के समय बच्चे पूरब दिशा की ओर मुख करके बैंठे. ज्योतिष की मानें तो बच्चे के कंधे पर रोशनी और हवा के आने मन विचलित होता है. इसके लिए लाइट्स की व्यवस्था का भी ध्यान रखें. बच्चे को गली या उसकी सीध में बैठकर पढ़ने की सलाह न दें। इससे बच्चे का ध्यान भटकता है.
स्टडी रूम में लगाएं मोमबत्ती
वास्तु जानकारों के अनुसार बच्चों के स्टडी रूम में मोमबत्ती लगाना चाहिए. इससे उनका मन पढ़ाई की ओर केंद्रित होगा. वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों के कमरे की पूर्वी उत्तर या दक्षिणी भाग में मोमबत्ती जलाने से बच्चे पढ़ाई की ओर रुचि लेने लगते हैं. उनका मन पढ़ाई में लगता है. साथ ही बौद्धिक क्षमता बढ़ती है.
इस दिशा में रखें टेबल
स्टडी टेबल का आकार रैक्टेंगल होना चाहिए. अनियमित आकार कुछ लोगों को आकर्षिक करता है, लेकिन यह बच्चों की पढ़ाई के लिए नुकसानदायक हो सकता है. ध्यान रखें कि स्टडी टेबल का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए.
केसर का तिलक लगाएं
अगर बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, तो उनकी जेब में एक फिटकरी का टुकड़ा रख दें. रोजाना बच्चे के माथे और नाभि पर केसर का तिलक लगाएं. वहीं स्टडी रूम में टीवी, वीडियो गेम व सीडी प्लेयर जैसी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए। इन चीजों से पढ़ाई से मन भटकता है.
रंग की दीवारें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बच्चे जहां पढ़ाई करते हों वहां की दीवारे हमेशा बादामी, आसमानी, सफेद या हल्का फिरोजी रंग की होनी चाहिए. साथ बच्चों की स्टडी टेबल भी इसी रंग की हों तो और भी बेहतर रहेगा. बच्चों के पढ़ाई के कमरे कभी भी नीले, काले या लाल पेंट के नहीं होने चाहिए, ऐसा होने से बच्चों की पढ़ाई को नुकसान होता है.
पढ़ाई के कमरे में रोशनी भरपूर
बच्चों के पढ़ाई के कमरे में रोशनी भरपूर होनी चाहिए। कम रोशनी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, जिसकी वजह से बच्चों का मन स्थिर नहीं रहता है और पढ़ाई लिखाई में नीरसता आती है. साथ ही स्टडी रूम में टीवी, मैगजीन, सीडी प्लेयर, वीडियो गेम्स, रद्दी आदि अनुपयोगी सामान ना रखें, ये चीजें भी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं.
भगवान गणेश की तस्वीर या प्रतिमा
बच्चों के पढ़ाई के कमरे में शिक्षा की देवी माता सरस्वती और बुद्धि के दाता लगानी चाहिए. साथ ही बच्चों की स्टडी टेबल चौकोर होनी चाहिए और टेबल को कभी भी दीवार या दरवाजे से सटाकर ना रखें. साथ ही लाइट के नीचे या उसकी छाया में टेबल सेट ना करें, इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है.
उत्तर पूर्व दिशा दिशा में हो पढ़ाई का कमरा
बच्चों के पढ़ाई का कमरा हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए. इस दिशा के स्वामी सूर्यदेव हैं और सूर्यदेव तेज, शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं. इस वजह से उत्तर पूर्व दिशा बच्चों के मन, बुद्धि और विवेक को प्रभावित करती है. ध्यान रखें कि बच्चों की पढ़ाई का कमरा कभी भी दक्षिण या दक्षिण पूर्व दिशा नहीं होनी चाहिए. इस दिशा में कमरा होने से बच्चों की पढ़ाई लिखाई में एकाग्रता नहीं रहती.
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