Shani Sade Sati Upay: शनि को प्रिय है घोड़े की नाल, साढ़ेसाती से बचने के लिए ऐसे करें इस्तेमाल
Shani Sade Sati: शनि देव को घोड़े की नाल बहुत प्रिय है. शनि की साढ़ेसाती से बचाव के लिए घोड़े की नाल बहुत प्रभावशाली मानी जाती है. जानते हैं कि इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं.

Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कलयुग का न्यायधीश और कर्मफल दाता माना गया है. शनि की कृपा हो तो व्यक्ति जीवन में हर क्षेत्र में सफलता हासिल करता है. वहीं अशुभ शनि कई कठिन परिस्थितियों को जन्म देता है. खासतौर से अगर कुंडली में शनि की साढ़ेसाती हो तो जीवन मुश्किलों से भर जाता है.
साढ़ेसाती की वजह से व्यक्ति लंबे समय तक परेशान रहता है. शनि को घोड़े की नाल बेहद प्रिय है. घोड़े की नाल शनि की साढ़ेसाती से बचाने में बहुत कारगर मानी जाती है. आइए जानते हैं कि इसका इस्तेमाल किस तरह से किया जाता है.
घोड़े की नाल का इस्तेमाल
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काले घोड़े की नाल शनि की महादशा और उसके प्रकोप से बचाती है. काले घोड़े की नाल को सरसों के तेल में रखें और उसे शमी के पेड़ के नीचे गाड़ दें. माना जाता है कि यह उपाय करने से शनि के कारण होने वाली सारी समस्याओं का अंत होता है. इस उपाय को करने से शनि की कृपा बरसती है.
- घोड़े की नाल को घर के मुख्य दरवाजे पर टांगने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और घर के सदस्यों का नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करते हैं. दरवाजे पर घोड़े की नाल टांगने से घर में सुख- शांति बनी रहती है. घर में घोड़े की नाल लगाने से शनिदेव के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.
- नौकरी और कारोबार से परेशान हैं, तो अंगुली में घोड़े की नाल से बना हुआ छल्ला या अगुंठी पहनें. ऐसा करने से शनि का दुष्प्रभाव कम होता है और नौकरी-व्यापार संबंधी सभी समस्याएं दूर होने लगती हैं.
- काले घोड़े की असली नाल वही होती है जो खुद घिसकर उतर गयी हो. ऐसी काले घोड़े की नाल ही पूर्ण रूप से सक्रिय मानी जाती है. घोड़े की नाल सारे बिगड़े कामों को बना देती है. काले घोड़े के आगे वाले दोनों पांव में से दाईं तरफ की नाल सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है. इसका प्रभाव सबसे ज्यादा रहता है.
- जो लोग शनि से जुड़े कारोबार में हैं या फिर किसी न किसी रूप में शनि के नकारात्मक प्रभाव से पीड़ित हैं उन लोगों को अपने घर के मुख्य द्वार पर घोड़ी की नाल जरूर लगाना चाहिए. काले घोड़े के अलग-अलग पांव के नाल का प्रभाव हर व्यक्ति पर उसके ग्रहों की दशा के अनुसार अलग-अलग होता है.
- जिन लोगों के घरों का मुख्य द्वार दक्षिण दिशाकी तरफ हो उन लोगों को भी अपने दरवाजे पर इस नाल का प्रयोग करना चाहिए. इसे शनिवार के दिन शाम के समय पर ही स्थापित करने से लाभ मिलता है. नाल को स्थापित करने से पहले उसे मंत्रों द्वारा जागृत करके सक्रिय किया जाता है.
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