Delhi Ordinance पर Kejriwal को Mamata-Nitish का साथ, दूर रहेगी Congress-DMK-RJD-NCP-BSP-YSRCP
जाके पांव न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई. यानी कि जब तक किसी को खुद से दुख या परेशानी का अनुभव न हो, तब तक उसे दूसरे का भी दुख और परेशानी नहीं दिखती है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीनईवाल के साथ फिल वक्त यही हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के पक्ष में फैसला दिया तो केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए उस फैसले को पलट दिया. और केजरीवाल सरकार की स्थिति पुनर्मूषको भव वाली हो गई. तो उन्हें याद आया कि इस देश में एक विपक्ष भी है, जो बीजेपी से भिड़ने को तैयार है. तो उन्हें याद आया कि इस देश में कम से कम 20 ऐसी पार्टियां हैं, जो सीधे तौर पर बीजेपी के खिलाफ हैं. और ऐसे में केजरीवाल ने खुद की मदद के लिए इन विपक्षी दलों के आगे हाथ फैला दिया. लेकिन केजरीवाल शायद भूल गए हैं कि जब इन विपक्षी दलों को उनकी जरूरत थी, तो उन्होंने इन विपक्षी दलों के बजाय बीजेपी के साथ खड़े रहना अपनी राजनीति के लिए मुनासिब समझा था. ऐसे में विपक्ष को केजरीवाल का साथ तो नहीं ही देना चाहिए. विस्तार से जानने के लिए देखिए ये वीडियो.
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