Bihar Crime: सुशासन बाबू के राज में ये क्या हो रहा है? मर्डर से लेकर वोटबंदी तक! | Chitra Tripathi
बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है. बीते दो दशकों में नीतीश कुमार को राजनीतिक लाभ देने वाला 'जंगलराज' शब्द अब उनके ही शासनकाल में 'महा जंगलराज' के रूप में सामने आ रहा है. विपक्ष का आरोप है कि सुशासन बाबू के राज में अपराधों में वृद्धि हुई है. हाल ही में बिहार में कई दर्दनाक वारदातें हुई हैं. पूर्णिया में पांच लोगों को डायन बताकर पीट-पीटकर मार डाला गया और फिर जलाने की कोशिश की गई. नालंदा में एक 20 साल की लड़की और 16 साल के लड़के की गोली मारकर हत्या कर दी गई. राजधानी पटना में अजित कुमार नाम के शख्स को गोली मार दी गई. मोतिहारी में मोहर्रम के जुलूस के दौरान हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की जान चली गई और चार घायल हो गए. इन घटनाओं के बीच, हाई-प्रोफाइल गोपाल खेमका हत्याकांड ने भी नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस मामले में फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया है और एसआईटी का गठन किया गया है. सूत्रों के अनुसार, उमेश नाम के एक शूटर को गिरफ्तार किया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी और पुलिस अफसरों के साथ समीक्षा बैठक कर कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है और अपराधियों पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हालांकि, विपक्ष, जिसमें तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर और राहुल गांधी शामिल हैं, सरकार पर लगातार हमलावर है. राहुल गांधी ने कहा है कि 'बीजेपी और नीतीश कुमार ने मिलकर बिहार को भारत की क्राइम कैपिटल बना दिया है.' आगामी तीन महीनों में होने वाले चुनाव से पहले कानून व्यवस्था का यह मुद्दा नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है.





































