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ऑनलाइन पेमेंट करते समय सेफ रहें, ई वालेट और केवाईसी से जुड़ी फ्रॉड कॉल से बचें
ऑनलाइन पेमेंट और ई वालेट वाली कंपनी जैसे पेटीएम, गूगल पे, फोन पे ने हमारी लाइफ को आसान तो बना दिया है लेकिन ऑनलाइन पेमेंट से संबंधित जब कोई फ्रॉड हो जाये तो टेंशन भी होती है. ऐसे में किन बातों का ख्याल रखें जिससे आपका ऑनलाइन पेमेंट रहे एकदम सेफ. जानिए
![ऑनलाइन पेमेंट करते समय सेफ रहें, ई वालेट और केवाईसी से जुड़ी फ्रॉड कॉल से बचें How to make E wallet payment safe, Be aware about the fraud calls of KYC ऑनलाइन पेमेंट करते समय सेफ रहें, ई वालेट और केवाईसी से जुड़ी फ्रॉड कॉल से बचें](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/07/21223315/online-payment.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
डिजिटलाइजेशन के टाइम में सब लोग ऑनलाइन पेमेंट करते हैं. कोरोना से बचने के लिये भी लोग कैश ट्रांजेक्शन करने से बचते हैं. पिछले कुछ टाइम में ई वालेट के माध्यम से पेमेंट करने का ट्रेंड बहुत बढ़ गया है और लोग पेटीएम, फोन पे, अमेजॉन पे और गूगल पे जैसी कंपनी की सर्विस का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन कई बार ऑनलाइन पेमेंट में फ्रॉड भी हो जाता है. लोग बैंक अकाउंट या ई वालेट से पैसा निकाल लेते हैं. या जहां से पेमेंट आना है या जहां आपने पेमेंट किया वहां पेमेंट पहुंचता ही नहीं. कई बार ऐसे फ्रॉड की शिकायत करने पर भी वो पैसा अकाउंट में नहीं आता. ऑनलाइन पेमेंट को कैसे सेफ बनाया जाये और अगर आपके साथ ऑनलाइन पेमेंट में कोई धोखाधड़ी हो जाये तो जानिये क्या करें.
वैसे ई-वॉलेट की सेफ्टी के लिये अकाउंट खोलने के लिए केवाईसी (नो योर कस्टमर) वेरीफिकेशन जरूरी है. जिस मोबाइल नंबर पर ये वॉलेट यूज किए जाते हैं, उन्हें खरीदने के लिए भी आईडेंटी कार्ड देना जरूरी होता है. ई वालेट के माध्यम से जिन बैंक एकाउंट में पैसे आते-जाते हैं उन अकाउंट्स को खोलने में भी यूजर को आईडेंटिटी कार्ड के साथ बाकी डिटेल्स भी देनी होती हैं.
ऑनलाइन फ्रॉड के मामले में रिजर्व बैंक ने भी दिशा-निर्देश जारी कर रखे हैं. कानून के मुताबिक अगर फ्रॉड होने के 3 दिन के अंदर शिकायत की जाये तो बैंक या उस ई वालेट की कंपनी को यूजर को पैसा वापस करना चाहिये. हालांकि कई बार लोग छोटे मोटे ई वालेट फ्रॉड की शिकायत नहीं करते जिसकी वजह से क्रिमनल फ्रॉड करके भी बच जाते हैं.
फ्रॉड से बचने के लिये क्या करें
- सबसे ज्यादा फ्रॉड केवाईसी कराने के नाम पर होता है. ऐसे में कोई आपको केवाईसी कराने के लिये कॉल करे और डिटेल्स मांगे तो अपनी डिटेल्स शेयर ना करें
- केवाईसी के नाम पर आने वाली कॉल और दूसरे ट्रांजेक्शन करने के बाद ओटीपी शेयर ना करें
- जहां ट्रांजेक्शन किया है या जहां से रिसीव किया है वहां कंफर्म करें कि अमाउंट मिला या नहीं जिससे फ्रॉड का जल्दी पता चल जाये
- फ्रॉड कॉल से सचेत रहें और लोगों से अपने ई वालेट या बैंक अकाउंट या दूसरी डिटेल्स शेयर ना करें
फ्रॉड होने पर क्या करें
- फ्रॉड के बारे में ई वालेट कंपनी या बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके जानकारी दें
- अगर फ्रॉड की शिकायत करने पर भी ई वालेट कंपनी या बैंक कार्रवाई नहीं करते तो पुलिस में शिकायत करें
- बैंक या ई वालेट वाली कंपनियों अगर सुनवाई न करें तो उनको पर आईटी एक्ट या आईपीसी के तहत दोषी ठहराया जा सकता है
- आप चाहें तो मामले की शिकायत कंज्यूमर कोर्ट में भी कर सकते हैं.
मुश्किल है फ्रॉड करने वालों को पकड़ना
केवाईसी वेरीफिकेशन और बैंक अकाउंट की डिटेल्स से क्रिमिल्स को ट्रेस तो किया जा सकता है लेकिन फ्रॉड करने वाले ज्यादातर अपना पहचान पत्र और बाकी दूसरे डॉक्यूमेंट फर्जी रखते हैं जिससे उनको पकड़ना मुश्किल होता है.
इतना ही नहीं ये फ्रॉड करने वाले लोग छोटे अमाउंट जैसे 10 या 20 हजार तक का फ्रॉड करते हैं. बहुत बड़ी रकम ना होने की वजह से पुलिस ऐसे क्राइम को बहुत सीरियसली नहीं लेती जिसकी वजह से अपराधी क्राइम करने से मानते या फ्रॉड करके बच निकलते हैं.
कई बार ये क्रिमिनल किसी भी इलाके, किसी दूसरे स्टेट या कहीं बाहर से भी बैठकर ऑनलाइन क्राइम करते हैं जिसकी वजह से पुलिस के बीच लोकेशन वाला डिसप्यूट हो जाता है और क्रिमनल पकड़ में नहीं आते
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