खोये और चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगाना होगा आसान, दिल्ली में शुरू हुई नई सेवा
इस वेबपोर्टल के पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर मुंबई में शुरुआत की गई थी जिसे काफी सफलता मिली, उसके बाद अब इसे दिल्ली में शुरू किया गया है.

नई दिल्ली: केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक और ट्रैक करने वाले वेबपोर्टल की शुरुआत राजधानी दिल्ली में कर दी. यानी अब किसी का भी मोबाइल फोन चोरी हो जाए या खो जाए तो उसे ट्रैक करने के लिए उसकी जानकारी पुलिस के साथ साझा कर सकते हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि इस वेबपोर्टल के पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर मुंबई में शुरुआत की गई थी जिसे काफी सफलता मिली, उसके बाद अब इसे दिल्ली में शुरू किया गया है.
इस प्रोजेक्ट का मकसद फोन चोरी की घटनाओं में कमी लाना और चोरी हुए मोबाइल फ़ोन को सभी मोबाइल नेटवर्क पर ब्लॉक करना है. इतना ही नहीं खोए हुए या चोरी गए मोबाइल फोन को IMEI नंबर के जरिए ट्रैक करके फिर से पता लगाया जा सकता है. इसके अलावा चोरी हुए मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक लगाना और नकली IMEI के जरिए चलाने पर रोक लगाना मकसद है.
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस पहल की शुरुआत करते हुए कहा कि देश की प्रौद्योगिकी और डिजिटल प्रगति को देखते हुए मोबाइल फोन की सुरक्षा जरूरी है.
दिल्ली-एनसीआर के उपयोगकर्ता इस पोर्टल (www.ceir.gov.in) से अपने खोये और चोरी फोन को बंद कराने के लिए अनुरोध कर सकेंगे. यही नहीं , फोन को ढूंढने योग्य जानकारियां पुलिस अधिकारियों के साथ साझा की जा सकेंगी. साथ ही बरामद फोन को खोला (अनलॉक) भी जा सकेगा.
यह परियोजना सेंट्रल इक्युपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) प्रणाली द्वारा समर्थित है. दूरसंचार विभाग ने मोबाइल सुरक्षा, चोरी और अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिए इस प्रणाली को शुरू किया है.
प्रसाद ने कहा, " हम विकास के लिए प्रौद्योगिकी का सर्वाधिक उपयोग करते हैं , उसी तरह स्मार्ट अपराधी तकनीक का दुरुपयोग करता है. " इस कदम से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में 5 करोड़ मोबाइल ग्राहकों को लाभ होगा.
दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने कहा, दिल्ली के जिन दूरसंचार ग्राहकों का फोन चोरी या गुम गया है वे आज से वेब पोर्टल पर लॉगिन कर सकते हैं, उन्हें पोर्टल पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करनी होगी और उसके साथ पुलिस के पास दर्ज शिकायत की प्रति और अपना पहचान पत्र अपलोड करना होगा.
इसके आधार पर मोबाइल को बंद (ब्लॉक) कर दिया जाएगा. अगर किसी ने इस फोन को इस्तेमाल किया हो गा तो उसे टावर सिग्नल के आधार पर ढूंढा जा सकता है. इससे पुलिस मोबाइल भी बरामद कर सकती है.
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Source: IOCL























