17 नदियों, 9 सप्तसागर, 16 तीर्थ स्थल के जल से हुआ काशी विश्वनाथ का अभिषेक, ज्योतिर्लिंग स्पर्श पर रोक की उठी मांग
Up : वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान विश्वेश्वर का 17 नदियों, 9 सप्तसागर और 16 तीर्थ स्थल के जल से अभिषेक किया गया. साथ ही इस दौरान ज्योतिर्लिंग के स्पर्श पूर्णतः बंद करने की मांग की गई.

Kashi Vishwanath Dham: द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान विश्वेश्वर का 17 नदियों, 9 सप्तसागर और 16 तीर्थ स्थल के जल से अभिषेक किया गया. इस आयोजन में काशीवासी, मंदिर महंत, तीर्थ पुरोहित जन और विद्वान शामिल हुए. इसके अलावा निरंतर विश्वनाथ धाम में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा तथा पवित्र विश्वनाथ जी के ज्योतिर्लिंग का स्पर्श पूर्णतः बंद करने के लिए मंदिर न्यास से भी अनुरोध किया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार काशी विश्वनाथ धाम में भगवान विश्वेश्वर का 17 नदियों 9 सप्त सागर और 16 तीर्थ स्थल के जल से विधि विधान से अभिषेक किया गया. इस दौरान विश्व के कल्याण एवं आपदाओं से काशी सहित संपूर्ण विश्व की रक्षा के लिए प्रार्थना की गई.
ज्योतिर्लिंग स्पर्श पर रोक लगाने की मांग
इसके अलावा भगवान विश्वनाथ के धाम में लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा और पवित्र विश्वनाथ जी के ज्योतिर्लिंग का स्पर्श पूरी तरह बंद करने के लिए भी मंदिर न्यास से अनुरोध किया गया है. कार्यक्रम के आयोजकों की तरफ से भविष्य में भगवान विश्वनाथ के पवित्र ज्योतिर्लिंग को स्पर्श न करने का संकल्प लेकर एक संदेश भी दिया गया. 17 नदियों में गंगा, जमुना, सरस्वती, नर्मदा, किरणा, धुतपापा, वरुणा, कालगंगा, मंदाकिनी, गोदावरी, फाल्गुन नदी, बद्रीनाथ, अलकनंदा, महाकाल उज्जैन, क्षिप्रा नदी गोमती सोन, शुष्क आदि नदियों का जल शामिल रहा.
मंदिर प्रशासन ने दिया यह आश्वासन
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से विद्वानों और आयोजकों को इस बात के लिए आश्वासन दिया गया है कि न्यास सनातन परंपराओं एवं शास्त्र पर आधारित पद्धतियों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए अपने अधिनियम द्वारा विहित दायित्व के पालन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इस विषय पर पर्याप्त विचार विमर्श करने के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा.
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