Uttar Pradesh: छुट्टा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने बनाई बड़ी योजना, 30 जिलों में करने जा रही ये काम
Uttar Pradesh: पशुधन विभाग के निदेशक ने बताया, ‘‘प्रदेश के 30 जिलों में गौ अभ्यारण्य बनाने जा रहे हैं. यह जमीन की उपलब्धता पर निर्भर होगा और खासतौर पर उन जिलों में किया जाएगा जहां जंगल हैं.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुओं (stray cattle) की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार 30 जिलों में 'गौ अभयारण्यों' (cow sanctuaries) की स्थापना पर विचार कर रही है. प्रदेश के पशुधन विभाग के निदेशक इंद्रमणि ने बुधवार को बताया, ‘‘हम प्रदेश के 30 जिलों में गौ अभ्यारण्य बनाने जा रहे हैं. यह काम जमीन की उपलब्धता पर निर्भर होगा और खासतौर पर उन जिलों में किया जाएगा जहां जंगल मौजूद हैं. इन जिलों में लखीमपुर खीरी, बहराइच, पीलीभीत और उन्नाव शामिल हैं."
क्या है मकसद
निदेशक ने बताया, ‘‘इन अभयारण्यों के चारों तरफ चारदीवारी खड़ी की जाएगी, भीतर ही पानी और चारे की व्यवस्था की जाएगी. चारे के लिए चार स्थल बनाए जाएंगे. विभाग का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा छुट्टा पशुओं को संरक्षण देना है." इंद्रमणि ने बताया कि गांव अभयारण्यों के साथ-साथ वर्तमान गौशालाओं की क्षमता बढ़ाई जाएगी और साथ ही नई गौशालाएं भी बनाई जाएंगी.
बड़ी समस्या हैं छुट्टा पशु
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के खासकर ग्रामीण इलाकों में छुट्टा पशुओं की समस्या बहुत विकट है और यह मामला हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भी बड़ा मुद्दा बना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मसले का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने का वादा भी किया था.
कितने हैं ऐसे पशु
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, 2019 में छुट्टा पशुओं के एक सर्वेक्षण के मुताबिक प्रदेश में ऐसे जानवरों की संख्या 11 लाख 84 हजार है. राज्य सरकार का दावा है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान इनमें से नौ लाख 30 हजार को आसरा दिया गया है और बाकियों को भी आश्रय देने की दिशा में काम किया जा रहा है.
गोबर खरीदने की योजना
इंद्रमणि ने बताया, ‘‘प्रस्तावित कार्य योजना के तहत राज्य सरकार छुट्टा पशुओं का गोबर खरीदने की योजना भी बना रही है. कुछ बायोगैस इकाइयां पहले से ही काम कर रही हैं. इसके अलावा वाराणसी में भी एक गोबर गैस प्लांट लगाया गया है.’’
जनवरी 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिर्जापुर जिले में एक गौ अभयारण्य की आधारशिला रखी थी. इससे पहले जनवरी 2019 में उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने नगरीय तथा ग्रामीण शासी निकायों के अंतर्गत अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना और उनके संचालन की योजना को मंजूरी दी थी.
प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने हाल ही में कहा था कि खाली पड़ी सरकारी जमीनों का इस्तेमाल छुट्टा पशुओं के लिए चारे को उगाने में किया जाएगा. सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में ऐसी जमीनों को चयनित कर आवश्यकता पड़ने पर उन्हें खाली कराएं.
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