यूपी में प्राइवेट स्कूलों से गरीब तबके की दूरी! आरक्षित सीटों को भरना भी हो रहा मुश्किल
UP Private School EWS Admission: उत्तर प्रदेश में 66871 प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के अधिकार के तहत कुल 603065 सीटें मुफ्त दाखिले के लिए आरक्षित हैं. लेकिन ये आंकड़ा भर पाना मुश्किल है.

EWS Quota in Private School: शिक्षा के अधिकार के तहत देश में गरीब बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूलों में आरक्षण का प्रावधान है. जिसके तहत गरीब बच्चे भी महंगे निजी स्कूलों में पढ़ाई कर सकते हैं. लेकिन हैरानी की बात है कि इन स्कलों में आरक्षित कुल सीटों का 50 फीसद तक भर नहीं पा रहा है. जिसकी वजह से प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में बड़ी संख्या में सीटें खाली पड़ी हुई है. इन दिनों निजी स्कूलों में प्री प्राइमरी व कक्षा एक में मुफ्त दाखिले की तीसरे चरण की प्रक्रिया चल रही है लेकिन बच्चों की संख्या को देखते हुए कहा जा सकता इस बार भी आंकड़ा पार कर पाना एक चुनौती होगा.
शिक्षा के अधिकार के तहत प्रदेश में 66871 प्राइवेट स्कूल हैं जिनमें कुल 603065 सीटें मुफ्त दाखिले के लिए आरक्षित हैं. दो चरणों में 1.22 लाख सीटें ग़रीब परिवारों के बच्चों को आवंटित की जा चुकी है. अभी तीसरे चरण की प्रक्रिया चल रही है लेकिन इसके लिए सिर्फ 50831 बच्चों के ही आवेदन मिले हैं. इन आवेदनों की पहले जांच की जाएगी, जिसके बाद लॉटरी सिस्टम के तहत बच्चों को निजी स्कूलों में एडमिशन दिया जाएगा. लॉटरी की ये प्रक्रिया 24 फरवरी को संपन्न होगी.
आरक्षित सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन कम
तीसरा चरण समाप्त होने के बाद आरक्षित सीटों पर एडमिशन के लिए चौथा चरण भी शुरू होगा. ये चरण मार्च महीने में शुरू होगा. इस दौरान भी बच्चों के पास निजी स्कूलों में अपने बच्चों को फ्री में दाखिला दिलाने का मौका है लेकिन, जितनी कम संख्या में आवेदन मिल रहे हैं, उसके बाद ये कह पाना आसान है कि चौथे चरण के बाद भी सारी आरक्षित सीटें भर नहीं पाएंगी.
आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 603065 सीटों में से इस सत्र में 301532 सीटें भर पानी भी मुश्किल हो गया. ऐसा ही हाल पिछले सत्र में भी देखने को मिला था जब सिर्फ 112010 आरक्षित सीटें ही भर पाईं थी. सरकार ने हर जिले में इसका प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया था बावजूद इसके आरक्षित सीटों पर एडमिशन का आंकड़ा का पूरा होना मुश्किल हो रहा है.
स्कूल शिक्षा महानिदेशालय की ओर से इसे लेकर लगातार प्रचारित किया जा रहा है. जगह-जगह होर्डिंग, बैनर और पोस्टर भी लगाए गए हैं ताकि अभिभावकों को जागरुक किया जाएगा और वो अपने बच्चों को निजी स्कूलों मं पढ़ाने के लिए प्रेरित हों. यही नहीं सरकारी दफ्तरों में हेल्प डेस्क भी बनाए गए हैं जहां फॉर्म भरवाने की सुविधा देने को कहा गया है. वहीं विभाग की ओर से सभी जिलों से ब्योरा भी मांगा गया है कि किस स्कूल में कितने एडमिशन हुए हैं. अगर अब भी एडमिशन पूरा नहीं हो पाता है तो आगे मिशन चलाकर एडमिशन की संख्या बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा.
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