दिनेश कुमार चौधरी ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, पार्टी छोड़ने की बताई चौंकाने वाली वजह?
Prayagraj Congress: इलाहाबाद लोकसभा सीट पर 40 साल बाद कांग्रेस ने जीत हासिल किया. इस जीत में अहम भूमिक निभाने वाले दिनेश कुमार चौधरी बागी तेवर अपनाते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है.
Prayagraj News Today: प्रयागराज में कांग्रेस के युवा दिनेश कुमार चौधरी ने पार्टी में दलित नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है. इन आरोपों के बाद प्रदेश में सियासी पारा हाई हो गया. दिनेश कुमार चौधरी उन्हें लगातार अपमानित किए जाने का आरोप लगाते हुए सभी पदों से इस्तीफा देते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है.
दिनेश कुमार चौधरी कांग्रेस पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य यानी पीसीसी मेंबर और जिला कमेटी में महासचिव थे. दिनेश चौधरी के साथ उनके तमाम समर्थकों ने भी कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है. प्रयागराज में दिनेश चौधरी के कांग्रेस छोड़ने पर इसे पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
छात्र जीवन से ही सियासत में कदम रखने वाले दिनेश कुमार चौधरी की गिनती प्रयागराज में कांग्रेस पार्टी के तेज तर्रार और संघर्षशील नेता के तौर पर होती थी. यमुनापार की जिला कमेटी में उन्होंने बड़ी संख्या में दलितों को कांग्रेस पार्टी से जोड़ने का काम किया.
इलाहाबाद की जीत में अहम भूमिका
माना जाता है कि 40 साल बाद इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस की जीत में दिनेश चौधरी की अहम भूमिक थी. लगातार सक्रिय रहने की वजह से ही उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सदस्य बनाया गया था. दिनेश चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा देते हुए समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया.
दिनेश कुमार चौधरी का आरोप है कि कांग्रेस के नेता सिर्फ वोट बैंक की लालच में संविधान और आरक्षण बचाने की बात करते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस सिर्फ मनुवादी मानसिकता वाली पार्टी है. उन्होंने कहा, "यहां दलितों की उपेक्षा की जाती है और कदम-कदम पर उन्हें अपमानित करने का काम किया जाता है."
'कांग्रेस नेता का जगह देने से इंकार'
दिनेश चौधरी के मुताबिक, कुछ दिन पहले पार्टी आलाकमान की तरफ से उन्हें गांवों में रुककर लोगों से संपर्क कर कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. एक गांव में उनके रहने और खाने का इंतजाम पार्टी के एक पदाधिकारी के यहां तय किया गया था, लेकिन ऐन वक्त पर पदाधिकारी ने दलित होने के आधार पर उन्हें घर में ठहराने और भोजन की व्यवस्था करने से इंकार कर दिया.
दिनेश चौधरी ने बताया कि कांग्रेस पदाधिकारी ने बताया कि उन्हें स्कूल में रुकना होगा और खाना भी किसी दलित के यहां से ही मंगाना होगा. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी के नेता दलित कार्यकर्ताओं को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं.
'खरगे राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर मुखौटा'
कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधते हुए दिनेश कुमार चौधरी ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर सिर्फ मुखौटा है. वह प्रदेश में भी कोई पदाधिकारी नहीं बना सकते और ना ही कोई फैसला ले सकते हैं. कांग्रेस पार्टी अभी भी एक परिवार के रिमोट से चलती है.
दूसरे दल में शामिल होने पर क्या कहा?
दिनेश कुमार के मुताबिक, कांग्रेस ने न तो संविधान रचयिता भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न दिया था और ना ही वायदे के बावजूद जगजीवन राम को प्रधानमंत्री बनाया था. राज्यों के मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय कमेटी में भी सिर्फ कोटा पूरा करने के लिए ही दलितों को जगह दी जाती है.
दिनेश कुमार चौधरी के इन आरोपों के सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. हालांकि दिनेश कुमार चौधरी ने कहा है कि वह किसी पार्टी में शामिल होने की लालच में यह आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि कुछ दिनों के बाद समर्थकों से बातचीत के बाद आगे कोई कदम उठाएंगे.
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