UP News: 'भगवा और सनातनी आंतकवादी नहीं माने जा सकते', मालेगांव ब्लास्ट केस पर बोले अरुण गोविल
UP News: मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों को बरी किए जाने के बाद मेरठ से बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा है कि कोर्ट ने न्याय किया है.

2008 मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने पर बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने पानी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.उन्होंने विपक्ष की रणनीति शुरू से ही एक झूठी कहानी गढ़ने और उसे पूरी ताकत से फैलाने की रही है.
उन्होंने यह भी कहा कि, 'भगवा’ और ‘सनातन’ को आतंकवादी नहीं माना जा सकता। इनका कभी भी आतंकवाद से कोई संबंध नहीं रहा है, न पहले था, न अब है और न आगे कभी होगा। ये दोनों शब्द बेहद पवित्र हैं, जबकि आतंकवाद एक बेहद घिनौना शब्द है.
विपक्ष पर लगाया झूठी रणनीतियों का आरोप
विपक्ष की रणनीति शुरू से ही एक झूठी कहानी गढ़ने और उसे पूरी ताकत से फैलाने की रही है. धर्म का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन कभी-कभी किसी एक विशेष धर्म के कुछ व्यक्ति आतंकवादी घटनाओं में शामिल हो जाते हैं।'
इस मामले पर बोलते हुए अरुण गोविल ने कहा कि सनातन और भगवाधारियों का नाता न कभी आतंकवाद से रहा है, न ही आतंकवाद से उनका नाता है और न ही भविष्य में रहेगा. यह बहुत ही पवित्र शब्द हैं और आतंकवाद बहुत ही नापाक शब्द है.
न्याय पर क्या बोले अरुण गोविल
साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट मामले में मिले न्याय और भगवा आतंकवाद के नरेटिव पर उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा से ही रणनीति से करता हुआ आया है और झूठी कहानी लेकर आते हैं जिसको सेट करने के लिए पूरी ताकत झोंक देते हैं.
उन्होंने आगे कहा आखिरकार उस फैसले के साथ न्याय हुआ है. अरुण गोविल ने धर्म को आतंकवाद से जोड़ने के सवाल को लेकर की धर्म को कभी भी आतंकवाद से नहीं जोड़ना चाहिए लेकिन कभी कभी एक ही धर्म के लोग आतंकवाद में नजर आते हैं उसके लिए क्या परिभाषा देनी है मुझे नहीं पता.
बता दें मालेगांव के सभी आरोपियों को कोर्ट ने आखिरकार बाइज्जत बरी कर दिया है. इस केस में बीजेपी सासंद साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित जैसे बड़े नाम शामिल थे.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























