प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार, कहा- विस्फोटक से लोगों को एक बार में ही क्यों नहीं मार देते
बढ़ते प्रदूषण को लेकर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा- दिल्ली का हाल नर्क से भी बदतर है। भारत में जिंदगी इतनी सस्ती नहीं है, आपको इसकी कीमत चुकानी होगी।

नई दिल्ली, एबीपी गंगा। प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा है कि राजधानी दिल्ली की हालत नरक से भी खराब है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए सॉलिसिटर जनरल को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली की सरकारें बताएं कि आखिर उन्हें खराब हवा के लिए लोगों को मुआवजा क्यों नहीं देना चाहिए।

कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से भी पराली जलाने पर रोक को लेकर सवाल किया कि आखिरकार इस पर रोक क्यों नहीं लग रही है। बता दें की बीएसआई ने देश के 21 शहरों के पानी के नमूने जांचने के बाद दिल्ली को फिसड्डी घोषित किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, 'लोगों को गैस चैंबर में रहने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? इससे अच्छा है कि लोगों के एक साथ ही मार दिया जाए। 15 बोरों में बारूद ले आइए और उड़ा दीजिए सबको। लोगों को इस तरह क्यों घुटना पड़े।
Supreme Court to Solicitor General Tushar Mehta, "Why are people being forced to live in gas chambers? It is better to kill them all in one go, get explosives in 15 bags at one go. Why should people suffer all this? In Delhi blame game is going on, I am literally shocked”. pic.twitter.com/ZyeQwTpVCT
— ANI (@ANI) November 25, 2019
अदालत ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से दिल्ली में चल रहे कारखानों के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहा है। जस्टिस अरुण मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने सीपीसीबी को राजधानी में चल रही फैक्ट्रियों की प्रकृति के बारे में विवरण दर्ज करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के चीफ सेक्रेटरी से पूछा कि पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं, क्यों न आपको और आपकी मशीनरी को दंडित किया जाए। हम आपको छोड़ने वाले नहीं हैं। सबको यह जान लेना चाहिए कि हम किसी को छोड़ने वाले नहीं है। इस पर यूपी के चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि पराली जलाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और जुर्माना लगाया गया है।
Source: IOCL






















