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UP Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पार्टी के अंदर से उठी आवाज, सपा विधायक ने अखिलेश यादव से की ये मांग
Swami Prasad Maurya: सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान का सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने विरोध किया और कहा कि राम हमारे आदर्श हैं उनका अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते.
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Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस पर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के विवादित बयान के खिलाफ अब पार्टी के अंदर से ही विरोध के सुर उठने लगे हैं. सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह (Rakesh Pratap Singh) ने कहा कि जो प्रभु राम या रामायण (Ramayana) पर सवाल उठा रहा है, वह न तो सच्चा सनातनी हो सकता है और ना सच्चा समाजवादी. हमारे आदर्श राम हैं उनका अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते. स्वामी प्रसाद मौर्य ने जो कहा ये सपा की भाषा नहीं है ये उनकी व्यक्तिगत भाषा और बयान है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को इस मामले पर खुद संज्ञान लेना चाहिए. हम भी उनसे मिलकर इस पर बात करेंगे.
सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा राम ने शबरी के जूठे बेर खाए, निषादराज को अपना मित्र बनाया. राम से बड़ा सच्चा समाजवादी कौन हो सकता है इस धरती पर. राम से बड़े किसी समाजवादी ने जन्म नहीं लिया. जो प्रभु राम और रामायण, रामचरितमानस पर कमेंट कर रहा है, उसमें भेदभाव निकालने का प्रयास कर रहा वो ना सच्चा सनातनी है ना सच्चा समाजवादी. सच्चा समाजवादी वह है जो आस्था के केंद्र के दिखाए रास्ते पर चलते हैं.
सपा विधायक ने किया मौर्य के बयान का विरोध
सपा विधायक ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया ने ही प्रभु राम के नाम से मेले का आयोजन शुरू किया. राम मनोहर लोहिया ने अपनी पुस्तक में लिखा कि वह कम से कम 9 पेज रामायण के रोज पढ़ते थे. जब लोहिया राम और रामायण को सही मानते तो आज उस पर कोई बयान दे रहा तो वह उचित नहीं, इसकी निंदा करता हूं. किसी की आस्था को ठेस पहुंचाना उचित नहीं. कुछ बोलने से पहले लोगों की भावनाओं को समझ लेना चाहिए, जो भी बोला है बिल्कुल उचित नहीं है.
राकेश प्रताप सिंह ने कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अभी बाहर है. हम उन से अनुरोध करेंगे कि वह एक बैठक करें और अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं से कहें कि ऐसे बयान देने से बचें. पार्टी को इसका संज्ञान लेना चाहिए चाहे किसी ने भी दिया हो. राम मनोहर लोहिया जी के नाम की शुरुआत ही राम से है. राम के चरित्र रामायण को पढ़ने के बाद हम यह मानते हैं कि हमें उस तरह से अपना आदर्श और मर्यादित जीवन जीना है. सबसे ज्यादा मार्गदर्शन रामायण से मिलता है, इस पर किसी को कमेंट नहीं करना चाहिए. मैं हर मंगलवार को व्रत रखता हूं, हनुमान जी का दर्शन करता हूं, हनुमान चालीसा पढ़ता हूं. मेरे पिताजी रोज कम से कम 3 से 5 घंटे रामायण पढ़ते हैं.
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