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बीच मझधार में फंसे 100 से ज्यादा लोगों को NDRF के जांबाज जवानों ने बचाया, पढ़ें रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी कहानी
एनडीआरफ, वाराणसी के जवानों ने मोटर बोट का इंजन बीच मझधार में बंद हो जाने के बाद इस खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन को चलाया. यही नहीं 100 से ज्यादा लोगों को बचाया. ये रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह तक चला.
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वाराणसी: जिला कुशीनगर के ग्राम पंचायत अमवाखास के बरवापट्टी घाट के सामने गुरुवार की शाम लगभग सात बजे मोटर चालित एक नाव में सवार करीब डेढ़ सौ लोग गंडक नदी की धारा में फंस गए. अमवा खास व आसपास के गांवों के लोगों की खेती नदी के उत्तर की ओर भी है. जहां खेतों में गए लोग नाव से नदी पार करके वापस बरवापट्टी की तरफ लौट रहे थे. इसी बीच नाव का इंजन खराब हो गया और नाव धारा के साथ बहने लगी और ऐसी जगह पर जाकर फंस गई जहां से लोगों का निकालना बहुत ही मुश्किल हो गया. प्रशासन के द्वारा स्थानीय संसाधनों द्वारा रेस्क्यू करने का भरसक प्रयास किया गया परंतु सफलता नहीं मिली.
सुबह आठ बजे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
जिसके चलते बिना समय गंवाए जिलाधिकारी कुशीनगर के द्वारा घटना की सूचना 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ वाराणसी, कंट्रोल रूम को देर रात दी गई. जिस पर त्वरित सक्रिय हुए मनोज कुमार शर्मा कमान्डेंट 11 एनडीआरएफ के दिशा निर्देश में गोरखपुर स्थित क्षेत्रीय प्रतिकिया केंद्र से एनडीआरएफ की टीम उप सेनानायक पी.एल.शर्मा के नेतृत्व में घटना स्थल के लिए रवाना हुई. मध्यरात्रि में 110 किलोमीटर का सफर तय कर टीम रात ढाई बजे बरवापट्टी घाट पहुंची लेकिन आधी रात में घनघोर अंधेरे व नदी तट तक रास्ता ना होने के कारण टीम के लिए वहां तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण कार्य था. लेकिन एनडीआरएफ के जांबाज़ बचावकर्मियों ने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भारी भरकम मोटर बोटों को अपने कंधों पर उठाया और अंधेरे में कंटीली झाड़ियों के बीच से एक किलोमीटर का रास्ता बनाते हुए घटना स्थल के नजदीक तट के किनारे पहुंचे और तुरंत बचाव अभियान शुरू किया. इस अभियान में किसी भी तरह की छोटी सी चूक जन हानि में बदल सकती थी. रात भर चले चुनौतीपूर्ण व दुरूह बचाव अभियान को सुबह आठ बजे तक पूरा कर लिया गया.
बेहद कठिन था ये ऑपरेशन
यहां बता दें कि, इस अभियान में किसी भी तरह की जान व माल की हानि के बिना सभी फंसे हुए लोगों को व पशुओं को सुरक्षित निकला गया. एनडीआरएफ की टीम ने अपनी जान की परवाह किये बिना दक्षतापूर्ण तरीके से 112 लोगों को तेज़ धारा में बहने से बचा लिया. जिसमें 62 पुरुष, 31 महिलाएं, 19 बच्चे शामिल थे और इसके साथ ही 14 पशुधन, बकरियों को भी बचाया गया. मौके पर मौजूद एसडीआरएफ टीम और स्थानीय लोगों ने भी बचाव अभियान में अपना योगदान दिया. प्रशासन की चुस्ती और एनडीआरएफ की त्वरित कार्यवाही के कारण सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों द्वारा एनडीआरएफ के इस साहसिक कार्य की खूब प्रशंसा की गयी.
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