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Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में किसानों का बुरा हाल, 1 रुपये किलो में भी नहीं बिक रही गोभी, सड़क पर फेंकने को मजबूर
Muzaffarnagar News: किसानों का कहना है कि गोभी की फसल में 1 बीघा पर दस हज़ार रुपये का खर्चा आया था, लेकिन इस बार बचत तो दूर, लागत भी पूरी नहीं निकल पा रही है.
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Muzaffarnagar Farmers: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzzaffarnagar) जनपद में गोभी किसानों (Farmers) की हालत बद से बदतर होती नजर आ रही है. हालात ये है कि गोभी को बाजार में एक से दो रुपये में भी खरीदने वाला कोई खरीदार नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते परेशान होकर किसान अब अपने खेत से गोभी की फसल को उखाड़ कर या तो सड़कों पर फेंक रहे हैं या फिर जनता को फ्री में बांट रहे हैं.
दरअसल, मुजफ्फरनगर जनपद के चरथावल ब्लॉक क्षेत्र के किसान अपने खेतों से गोभी की फसल को उखाड़ कर फेंकने या फिर फ्री में बांटने को मजबूर हैं, क्योंकि हालात ये है कि किसान खेतों से गोभी की फसल को मंडी तक ले जाने का भाड़ा भी नहीं निकाल पा रहा है. गोभी को मंडियों में एक से दो रुपयों में भी कोई खरीदने को तैयार नहीं है. जिसके चलते अब किसान अपने खेतों को खाली करने के लिए गोभी की फसल को उखाड़ कर आम जनता को बांटने या फिर सड़कों पर फेंकने को मजबूर है.
फ्री में गोभी बांटने को मजबूर किसान
किसानों का कहना है कि गोभी की फसल इस बार जब बोई थी तो 1 बीघा पर तकरीबन दस हज़ार रुपये का खर्चा आया था, लेकिन आज हालात ये हैं कि बचत तो दूर की बात है लागत भी पूरे नहीं निकल पा रही है. यहां के किसान मोहित ने कहा कि हमने 10 बीघा खेत में गोभी लगाई थी. एक बीघा में 8 से 10 हज़ार रुपयों का खर्चा आया था और अब गोभी की हालत ये है कि मंडी तक ले जाते हैं तो कोई एक-दो रुपये किलो में भी खरीदने को तैयार नहीं है. हमारी मेहनत मजदूरी बेकार चली गई.
एक और किसान सुनील कुमार ने बताया कि उसने 12 बीघा खेत में गोभी की फसल लगाई थी लेकिन इस बार गोभी मंडी में एक लिए किलो से भी नीचे बिक रही है. 20 किलो की पन्नी गोभी की भरी हुई कोई 10 रुपये में भी उठाने वाला नहीं मिल रहा है. हालत ये है कि अब हम इसे फ्री में बांटने को मजबूर हैं फिर भी कोई नहीं मिल रहा है. ऐसे में ये गोभी अब हमें सड़क पर फेंकनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि इस बार हमें करीब एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
फ्री की गोभी लेने वाले रामकुमार ने कहा कि किसान गोभी को सड़कों पर फेंक रहे हैं. गोभी की इतनी दुर्गति इस बार हो रही है ऐसी कभी नहीं हुई. किसानों की हालत बहुत खराब है.
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