मेहनती होते हैं पुनर्वसु नक्षत्र के व्यक्ति, किस्मत हमेशा रहती है मेहरबान
पुनर्वसु शब्द पुन:+वसु से बना है। इसका अर्थ है पुनः धन मान व यश की प्राप्ति। इस नक्षत्र में जन्मे लोग आध्यात्मिक स्वभाव के होते हैं। माना जाता है कि ये जल्दी किसी मुश्किल में नहीं फंसते और किस्मत इन पर मेहरबान रहती है।

पंडित शशिशेखरत्रिपाठी
मुख्य रूप से दो चमकीले तारे पुरुष और प्रकृति पुनर्वसु नक्षत्रों को दर्शाते हैं। किंतु इनके नीचे दो तारे और हैं यह चारों मिलकर आयताकार भवन का भी आभास कराते है। इस नक्षत्र को गुरु की ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। पुनर्वसु का अर्थ है धनी होना। प्राचीन सभ्यता में पुरुष और प्रकृति तारे को ही मिथुन राशि में स्त्री पुरुष के जोड़े के रूप में मान्यता मिली है।
पुनर्वसु शब्द पुन:+वसु से बना है। इसका अर्थ है पुनः धन मान व यश की प्राप्ति। इस नक्षत्र में जन्मे लोग आध्यात्मिक स्वभाव के होते हैं। माना जाता है कि ये जल्दी किसी मुश्किल में नहीं फंसते और किस्मत इन पर मेहरबान रहती है। आमतौर पर इनके शरीर की बनावट थुलथुली सी होती है। इनकी याद्दाश्त बेहद मजबूत होती है। इन्हें कभी आर्थिक परेशानी नहीं होती और जीवन समृद्धि से भरपूर होता है।
बाणों से भरा तरकश पुनर्वसु का चिन्ह हैं। विचार करें तो पाएंगे कि बाण मनुष्य के स्वरूप व प्रकृति को दर्शाता है। बाण इच्छा लक्ष्य प्रयास गतिशीलता का प्रतीक है। बाण हमेशा लगातार बढ़ने की ओर प्रेरित करता है। इस नक्षत्र की अधिष्ठात्री देवी अदिति हैं। इन्हें सूर्य व इंदिरा देवताओं की जननी होने का सौभाग्य मिलता है।

गुण
इस नक्षत्र में जन्मे लोग बहुत संतुलित होते हैं। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कोई धनुर्धर अपना लक्ष्य साधते समय संतुलित होता है। ऐसे लोग सुख, संतोष और संपन्नता लाने वाले होते हैं।
इस नक्षत्र का व्यक्ति अच्छे काम करने वाला सहनशील और धैर्य रखने वाला होता है। इनके विचार जीवन में सदैव उच्च होते हैं। आपत्तिकाल में इनकी बुद्धि और प्रखर हो जाती है।
जो लोग बुरी संगति, बुरी बातें करते हों, नशा करते हों, ऐसे लोगों से पुनर्वसु नक्षत्र के लोगों को बचकर रहना चाहिए।
पुनर्वसु नक्षत्र में जो लोग जन्म लेते हैं वह लेन-देन में कुशल होते हैं।
ये लोग अपने घर परिवार को बहुत प्यार करते हैं इसलिए परिवार की उन्नति के उद्देश्य से जी तोड़ मेहनत भी करते हैं।
यदि इनको सामाजिक कार्य हेतु कहीं लंबी यात्रा पर भी जाना पड़े तो यह जाने में बिल्कुल हिचकते नहीं हैं।
इस नक्षत्र वाले व्यक्ति को अक्सर देखा गया है कि पहले प्रयास में सफलता नहीं मिलती लेकिन दोबारा जब यह प्रयास करते हैं तो उसमें सफलता मिलती है।
अगर किसी को कोई कष्ट हो या कोई संकट में हो तो इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति उनकी पीड़ा देखकर द्रवित हो जाते हैं। ये लोग दयालु किस्म के होते हैं और परोपकारी भी होते हैं।
सावधानियां
इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को किसी को उधार नहीं देना चाहिए। दिया गया धन वापस नहीं मिलता है। लोन लिया जा सकता है।
ऐसे लोगों को कानूनी दांव-पेंच से दूर रखना चाहिए। समझौतावादी विचार सदैव रखना चाहिए और विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थ की सहायता लेनी चाहिए।
किसी के भी गुप्त राज को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों से उनके भीतर की बात निकलवाना सरल होता है। ऐसे लोगों को ऑफिस के गोपनीय कार्य एवं महत्वपूर्ण दस्तावेज रखने की जिम्मेदारी से बचना चाहिए।
कैसे बढ़ाएं पावर
पुनर्वसु नक्षत्र का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए इस नक्षत्र में जन्मे लोगों की वनस्पति बांस है। इसका पौराणिक नाम वंश है। यह पृथ्वी पर सबसे तेज बढ़ने वाला पेड़ है। सबसे खास बात यह होती है कि यह अकेला नहीं होता है यानी सामूहिक रूप से उत्तपन्न होता है। बांस के माध्यम से पहले घर बनाए जाते थे। छप्पर आदि में प्रमुख रूप से इसका प्रयोग होता था। इसको गरीब की लकड़ी भी कहते हैं। इस नक्षत्र के लोगों कोबांस की पैदावार बढ़े इसके लिए सहयोग करना चाहिए। यदि बांस के प्रति सम्मान श्रद्धा और उसकी उपयोगिता को महत्व देते हुए चलेंगे तो वनस्पति की कृपा उन्नति प्रदान करने वाली होगी।

बांस घर में तो लगाया नहीं जा सकता है। इसलिए जो गरीब किसान बांस की खेती कर रहे हैं उनको बांस उगाने में आर्थिक मदद देनी चाहिए। इसके साथ ही बांस से बने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में भी सहोग करना चाहिए। बांस को काटना और पेड़ को काटना अलग-अगल बात है। बांस दरअसर ग्रास है। इसको जहां से काटते हैं वहीं से फिर बढ़ने लगता है। बांस की पत्तियों का आर्युवेद में औषधि के रूप में प्रयोग होता है।
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