अब 'करीम फूड' नाम से नहीं चल सकता रामपुर का रेस्टोरेंट, हाई कोर्ट के आदेश में क्या है?
Karim's Restaurant: हाईकोर्ट ने दिल्ली के करीम होटल्स के एक ट्रेडमार्क मुकदमे की सुनवाई करते हुए करीम फूड नाम का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा ये भ्रामकता पैदा करता है.

दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित एक रेस्तरां को ‘करीम फूड’ नाम इस्तेमाल करने से रोक दिया है. अदालत ने कहा कि यह नाम राष्ट्रीय राजधानी स्थित रेस्तरां श्रृंखला करीम से मिलता-जुलता है और भ्रम पैदा करता है.
जिला न्यायाधीश संजीव कुमार मल्होत्रा ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया. कोर्ट ने दिल्ली के करीम होटल्स के एक ट्रेडमार्क मुकदमे की सुनवाई करते हुए करीम फूड नाम का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी.
कोर्ट ने नाम का इस्तेमाल करने पर लगाई रोक
याचिका में दावा किया गया था कि रामपुर स्थित ‘करीम फूड’ नामक प्रतिष्ठान ने अपने रेस्तरां के लिए करीम फूड नाम अपनाया, जो उसके प्रतिष्ठित चिह्नों/ब्रांड करीम से भ्रामक रूप से मिलता-जुलता है. जिससे लोगों को भ्रम होता है और इससे उनके प्रतिष्ठान को नुक़सान हो सकता है.
अदालत ने 18 अक्टूबर के एक आदेश में कहा कि प्रतिवादी करीम फूड द्वारा इसी तरह के भ्रामक चिह्न को अपनाने से आम जनता के बीच वादी- करीम होटल्स की साख और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है.
'भ्रमित करने के लिए इस्तेमाल किया नाम'
कोर्ट ने पाया कि क़रीब फूड सुनने और वैचारिक रूप से दिल्ली के रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क के जैसा ही है. कोर्ट ने माना कि रामपुर रेस्टोरेंट ने करीम की प्रतिष्ठा का लाभ उठाने के लिए बेईमानी से भ्रामक रूप से समान ट्रेडमार्क अपनाया था.
याचिकाकर्ता ने इस मामले में 10 लाख रुपये का हर्जाना मांगा था हालांकि कोर्ट ने इस मामले में कोई प्रत्यक्ष वित्तीय नुक़सान होने का सबूत नहीं मिलने की बात कही. हालांकि कोर्ट ने ये माना कि इससे इतने बड़े प्रतिष्ठान के नाम का दुरुपयोग और उसकी साख का नुक़सान हुआ हैं
कोर्ट ने आदेश में वादी को दंडात्मक हर्जाने के रूप में दो लाख रुपये का मुआवजा देने को भी कहा है. इसके साथ ही रामपुर स्थित उसे रेस्टोरेंट पर करीम ब्रांड का नाम इस्तेमाल करने पर स्थायी रूप से रोक लगा दी.
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