उत्तराखंड: रुद्रपुर में कांग्रेस की गुटबाजी उजागर, कहासुनी और मारपीट तक की आई नौबत
Rudrapur News: विवाद तब भड़क गया जब कुछ कार्यकर्ताओं ने फ्लेक्सी में किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ का फोटोन होने और व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा व विजय यादव को मंच पर न बुलाए जाने पर नाराजगी जताई.

उत्तराखंड में 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कांग्रेस अपने संगठन को मजबूत करने का दावा कर रही है, लेकिन ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में हुई एक रायशुमारी के दौरान पार्टी की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई. रुद्रपुर के सिटी क्लब में आयोजित कांग्रेस संगठन सृजन कार्यक्रम में महानगर अध्यक्ष के चयन के लिए रायशुमारी के दौरान कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी और मारपीट तक की नौबत आ गई.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ के बेटे और रुद्रपुर पार्षद सौरभ बेहड़ द्वारा एक कार्यकर्ता को थप्पड़ और लात मारने का दावा किया गया है.
रुद्रपुर में रायशुमारी के दौरान हंगामा
कांग्रेस ने नए नगर अध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, और जिला अध्यक्ष के चयन के लिए रायशुमारी शुरू की है. इसके तहत एआईसीसी पर्यवेक्षक डॉ. नरेश कुमार, पीसीएस पर्यवेक्षक प्रदीप टम्टा, हरेंद्र बोरा, और संजय किरौला रुद्रपुर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के लिए पहुंचे. बैठक शुरू होते ही विवाद तब भड़क गया जब कुछ कार्यकर्ताओं ने फ्लेक्सी में किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ का फोटो न होने और व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा व विजय यादव को मंच पर न बुलाए जाने पर नाराजगी जताई. विवाद इतना बढ़ गया कि कार्यकर्ताओं के बीच लात, थप्पड़, और गाली-गलौज की घटनाएं सामने आईं.
एआईसीसी पर्यवेक्षक डॉ. नरेश कुमार को बीच में आकर माहौल शांत करना पड़ा. बैठक खत्म होने के बाद स्थिति फिर बिगड़ गई, और मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. दोनों पक्षों ने पुलिस को तहरीर सौंपकर कार्रवाई की मांग की है.
वायरल वीडियो में सौरभ बेहड़ पर आरोप
वायरल वीडियो में रुद्रपुर पार्षद सौरभ बेहड़ पर एक कार्यकर्ता को थप्पड़ और लात मारने का आरोप लगा है. जिस कार्यकर्ता के साथ मारपीट हुई, उसने खुद यह वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया. इस घटना ने कांग्रेस की आंतरिक कलह को उजागर कर दिया है, जिससे 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं.
एआईसीसी पर्यवेक्षक का बयान
एआईसीसी पर्यवेक्षक डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि न्यूटन का नियम है कि हर एक्शन का रिएक्शन होता है. रुद्रपुर में बैठक के बाद विवाद हुआ. इसकी पूरी जांच की जाएगी, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, चाहे वे कितने भी बड़े नेता हों. उन्होंने पार्टी हाईकमान को पूरे मामले से अवगत कराने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की बात कही.
किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ का गुस्सा
किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ ने घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि राजेंद्र मिश्रा ने पंचायत चुनाव में सबसे ज्यादा मेहनत की थी, फिर भी उनके साथ मारपीट की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि मारपीट करने वाले कार्यकर्ता राजेंद्र मिश्रा को पहले से निशाना बना रहे थे और उन्हें फोन पर ध धमकियां भी दी गईं. बेहड़ ने कहा कि अगर मैं वहां होता, तो ऐसी स्थिति न आती. पर्यवेक्षक की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं की पिटाई हुई, और मारपीट करने वालों के आका आधा घंटा पहले ही गायब हो गए. दरी बिछाने वाले कार्यकर्ताओं पर हाथ उठाने वालों को शर्म आनी चाहिए.
संदीप चीमा का जवाब
पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष संदीप चीमा ने दावा किया कि संजय जुनेजा और राजेंद्र मिश्रा ने स्वागत कार्यक्रम को लेकर हंगामा शुरू किया था. चीमा के अनुसार, राजेंद्र मिश्रा ने गाली-गलौज की, और बाद में धक्का-मुक्की की स्थिति बनी. उन्होंने कहा कि कोई मारपीट नहीं हुई. अगर थप्पड़ मारा गया, तो उसकी फुटेज होनी चाहिए. राजेंद्र मिश्रा खुद सिटी क्लब से चले गए. यह सब किसके इशारे पर हो रहा है, यह सभी जानते हैं.
कांग्रेस की गुटबाजी उजागर
रुद्रपुर की इस घटना ने कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी को एक बार फिर सामने ला दिया है. 2027 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के संगठन को मजबूत करने की कोशिशें चल रही हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं.
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Source: IOCL






















