लाल किले पर RSS का जिक्र करने पर बोले इमरान मसूद- 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया, आजादी में कोई योगदान नहीं
Independence Day 2025 पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिक्र किया. इस पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने टिप्पणी की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के भाषण में लाल किले के प्राचीर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिक्र किया. इस पर अब सियासी विवाद मचता दिख रहा है. पीएम के भाषण पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और उत्तर प्रदेश स्थित सहारनपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद इमरान मसूद ने कहा, 'उन्होंने 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया, उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं दिया. उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था. वे लोगों से आज़ाद हिंद फ़ौज से लड़ने के लिए ब्रिटिश सेना में शामिल होने का आग्रह कर रहे थे. इसलिए, उनका स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं था.उन्हें उन 52 सालों का हिसाब देना चाहिए. आप तिरंगे में विश्वास नहीं करते थे, संविधान में विश्वास नहीं करते थे.सरदार पटेल ने इस पर प्रतिबंध लगाया था.'
कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पद पर बने रहने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दया और सरसंघचालक मोहन भागवत के 'आशीर्वाद' पर निर्भर हैं, इसलिए उन्होंने लाल किले की प्राचीर से इस संगठन को खुश करने की हताशा भरी कोशिश की.पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री आज थके हुए थे और जल्द ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए स्वतंत्रता दिवस का यह राजनीतिकरण देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद हानिकारक है.
उन्होंने कहा, 'आज प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे परेशान करने वाला पहलू लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था, जो एक संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का घोर उल्लंघन है.' रमेश ने आरोप लगाया कि यह अगले महीने उनके 75वें जन्मदिन से पहले आरएसएस को खुश करने की एक हताशा से भरी कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा, '4 जून, 2024 की घटनाओं के बाद निर्णायक रूप से कमज़ोर हो चुके प्रधानमंत्री अब पूरी तरह से आरएसएस की दया पर निर्भर हैं और सितंबर के बाद अपने कार्यकाल के विस्तार के लिए मोहन भागवत के आशीर्वाद पर निर्भर हैं. व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए स्वतंत्रता दिवस का यह राजनीतिकरण हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद हानिकारक है.'
पीएम ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, 'आज, मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूँ कि 100 वर्ष पूर्व, एक संगठन का जन्म हुआ - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस). राष्ट्र की सेवा के 100 वर्ष एक गौरवपूर्ण, स्वर्णिम अध्याय हैं. 'व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण' के संकल्प के साथ, माँ भारती के कल्याण के उद्देश्य से, स्वयंसेवकों ने अपना जीवन मातृभूमि के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. एक तरह से, आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन है. इसका 100 वर्षों का समर्पण का इतिहास है.'
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