7 सितंबर को दोपहर बाद दर्शन नहीं देंगे रामलला, 8 तारीख को खुलेंगे कपाट, ट्रस्ट ने इस वजह से उठाया कदम
UP News: अयोध्या स्थित प्रसिद्ध राम सहित तमाम धार्मिक स्थलों के कपाट 7 सितंबर को सूतक काल के दौरान बंद कर दिये जाएंगे. रामलला इसके बाद 8 सितंबर को भक्तों को दर्शन देंगे.

भाद्रपद की पूर्णिमा पर 7 सितंबर को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा, हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व भी है. यह चंद्र ग्रहण भारत में पूर्ण रूप से दिखाई देगा, जिस कारण इसका सूतक काल भी मान्य होगा. सूतक के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं, साथ ही धार्मिक कार्यों की मनाही होती है. दोपहर 12:57 बजे सूतक काल लग जाएगा. चंद्र ग्रहण का असर रामनगरी अयोध्या में देखने को मिलेगा.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर के कपाट 7 सितंबर को सूतक के दौरान दोपहर बाद बंद हो जाएंगे. सूतक लगने के साथ ही राम मंदिर समेत अयोध्या धाम के प्रमुख मठ-मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. ग्रहण की समाप्ति के बाद विधि विधान से मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा. इसके उपरांत 8 सितंबर की सुबह से श्रद्धालु फिर रामलला के दर्शन कर सकेंगे.
कपाट बंद रखना सनातन परंपरा का रहा है हिस्सा
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद रखना सनातन परंपरा का हिस्सा है. इस अवधि में श्रद्धालु घर पर रहकर मंत्र जप कर पुण्य लाभअर्जित कर सकते हैं. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि जब चंद्रमा, पृथ्वी व सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश धरती पर तो पड़ता है लेकिन चंद्रमा पर नहीं पड़ता है. इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है. इस खगोलीय घटना को ही चंद्रग्रहण कहते हैं.
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं बरतें ये सावधानियां
ग्रहण काल के दौरान कुछ सावधानियां बरतने की बात कही जाती रही हैं. इस दौरान घर के अंदर रहें, और तो और ग्रहण को नहीं देखना चाहिये. नुकीली वस्तुओं कैंची, चाकू और सूई जैसी चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिये. गर्भवती महिलाओं को ग्रहणकाल के दौरान सोना से परहेज करना चाहिए, बल्कि इसकी जगह नाम जप और प्रार्थना करनी चाहिये. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करना चाहिये और साफ कपड़े पहनने चाहिये.
भगवान नाम जप पहुंचाएगा फायदा
चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इस वजह से ग्रहण काल के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के साथ गायत्री मंत्र और भगवान का नाम जप करना चाहिए. इससे नाकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















