![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Balrampur: नेपाल सीमा से सटे गांवों में चल रहे अवैध मदरसे, अब फंडिंग की जांच में जुटा बलरामपुर प्रशासन
बलरामपुर में ऐसे मदरसा हैं जो नेपाल से सटे गांवों में चलाए जा रहे हैं.अब स्थानीय प्रशासन इस बात की जांच में जुटा है कि कहां इसके जरिए कोई साजिश तो नहीं रची जा रही. इसके अलावा फंडिंग की भी जांच होगी
![Balrampur: नेपाल सीमा से सटे गांवों में चल रहे अवैध मदरसे, अब फंडिंग की जांच में जुटा बलरामपुर प्रशासन balrampur non recognised madrasas are operational near nepal border ann Balrampur: नेपाल सीमा से सटे गांवों में चल रहे अवैध मदरसे, अब फंडिंग की जांच में जुटा बलरामपुर प्रशासन](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/25/1208f44a64068f4f73a896c05b9a5afe1669372474842490_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
UP News: यूपी के बलरामपुर (Balrampur) जिले में बिना मान्यता के चल रहे मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो गया है. जिला प्रशासन और अल्पसंख्यक विभाग ने प्रदेश सरकार, मदरसा बोर्ड (Madrasa Board) और अल्पसंख्यक मंत्रालय (Minority Affairs) को अपनी रिपोर्ट फाइल कर दी है. जिले के बलरामपुर सदर, तुलसीपुर और गैंसड़ी ब्लॉक में बिना मान्यता के मदरसों की बाढ़ सी आ गई है. बलरामपुर सदर ब्लॉक में 56, हरैया सतघरवा में 19, श्रीदत्तगंज ब्लॉक में 12, तुलसीपुर ब्लॉक में 56, गैसड़ी ब्लॉक में 121, पचपेड़वा ब्लॉक में 19, गैंडास बुजुर्ग ब्लॉक में 26, उतरौला में 34 और सादुल्लाह नगर-रेहरा बाज़ार ब्लॉक में 36 अवैध मदरसे पाए गए हैं.
बलराम जिले में 389 मदरसे बिना मान्यता के पाए गए हैं. जिले के गैसड़ी ब्लॉक में सर्वाधिक 121 मदरसे बिना मान्यता के संचालित होते पाए गए हैं. इनमें से कुछ मदरसे तो ग्राम समाज की जमीन पर बनाए गए हैं. जबकि कुछ मदरसे निजी जमीन पर भी बनाए गए हैं. कुछ के लिए ग्राम समाज में स्थापित मस्जिद की जमीन का प्रयोग किया गया है. इसके साथ ही नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों में भी बिना मान्यता के मदरसे कई साल से मस्जिदों के भवनों या निजी भवनों में संचालित हैं. जिले के सुदूर बघेलखंड इलाके में एक ऐसा ही मदरसा संचालित होता दिखा.
मदरसा के लिए गांव वाले इकट्ठा करते हैं चंदा
गांव वालों ने बताया कि मदरसा अहले-सुन्नत नासिरुल उलूम बघेलखंड पिछले 30 वर्षों से संचालित किया जा रहा है. यह मदरसा एक मस्जिद के भवन में संचालित है. बताया कि गांव वालों द्वारा ही इस मदरसे के लिए चंदा इकट्ठा किया जाता है और उसी से 50-60 बच्चों को पांचवीं तक की शिक्षा दी जाती है. मदरसा सर्वे के जरिए सरकार यह भी पता करने की कोशिश कर रही है कि कहीं मदरसों को मिलने वाले फंड के ज़रिए, देश के भीतर कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है. जिले में कुल 462 सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त या रजिस्टर्ड मदरसे हैं. जिले में स्थित 25 मदरसे उत्तर प्रदेश सरकार से अनुदान मिला हुआ है. मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 153 बताई जाती है. जबकि जिले में 284 मदरसा आधुनिकीकरण योजना से जुड़े हुए हैं.
ये भी पढ़ें -
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)