Ambedkar Nagar: युवक का ऑपरेशन कर डॉक्टर रह गए दंग, पेट से निकला रिंच, नट-बोल्ट
Medical Miracle in Ambedkar Nagar: अंबेडकरनगर जिला अस्पताल में एक मरीज के पेट का ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर दंग रह गए. डॉक्टरों ने बताया कि मरीज ट्राइकोबेजोअर से ग्रस्त है, इसलिए ऐसी स्थिति पैदा हुई.

Ambedkar Nagar News Today: उत्तर प्रदेश के अंबेडकरगर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिसे सुनकर एक बार को यकीन करना मुश्किल हो रहा है. यहां एक युवक के पेट से ऑपरेशन के बाद रिंच और नट बोल्ट निकला है. यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है.
दरअसल, अंबेडकरनगर जिला अस्पताल में आज सोमवार (27 जनवरी ) को एक मरीज का डॉक्टरों ने पेट का ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद डॉक्टर दंग रह गए, क्योंकि मरीज के पेट से एक दो नहीं बल्कि 10 इंस्ट्रूमेंट निकले, जिसमें रिंच और नट बोल्ट शामिल हैं. डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल मरीज की स्वास्थ्य स्थिति ठीक है.
पेट से निकला रिंच, नट-बोल्ट
इसका खुलासा उस समय हुआ जब शुक्रवार (24 जनवरी) मरीज ने परिजनों से तेज पेट दर्द की शिकायत की. इसके बाद परिजन मरीज को आनन फानन में अंबेडकर नगर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे और ओपीडी डॉक्टर को दिखाया. परिजनों ने बताया कि मरीज ने कुछ खा लिया है.
इसके बाद डाक्टरों ने मरीज का एक्सरे और फिर सिटी स्कैन कराया. एक्सरे और सिटी स्कैन की रिपोर्ट देखकर डॉक्टर दंग रह गए, क्योंकि उसके पेट में रिंच और नट बोल्ट जैसा कुछ दिखाई पड़ा. डॉक्टरों ने तुरंत मरीज का ऑपरेशन करने का फैसला किया. आज मरीज का ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने पेट से 10 रिंच और नट बोल्ट निकाला.
डॉक्टरों ने क्या कहा?
ऑपरेशन करने वाले जिला अस्पताल के डॉ विपिन वर्मा ने बताया कि मरीज की हालत अब ठीक है. उन्होंने बताया कि साइकोलॉजिकल बीमारी के कारण कभी कभी मरीज मिट्टी खाता रहता है. इसके अलावा प्लास्टिक और लोहे की चीजें खाने लगता है. कभी कभी अपने शरीर के बाल नोच कर खाता है, इसे ट्राइकोबेजोअर कहते है.
डॉ विपिन वर्मा ने बताया कि आज उस मरीज का सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया गया है. उसके पेट से 6 से 7 रिंच और 3 से 4 नट बोल्ट निकाला गया है. उन्होंने बताया कि मरीज की स्थिति अब ठीक है.
पिता को नहीं हो रहा यकीन
मरीज के पिता ने बताया कि कोलकाता गया था, वहां से लौटा तो उसकी तबियत खराब हो गयी. पहले कई जगहों पर प्राइवेट में दिखाया तो वहां डॉक्टर ने बताया कि पेट मे लोहे की वस्तुएं हैं. इस पर हमें विश्वास नहीं हुआ. इसके बाद दूसरे डॉक्टर ने कहा कि इसे लखनऊ ले जाइए, लेकिन बाद में यहां आए और इन्होंने टेस्ट के बाद ऑपरेशन किया.
(अंबेडकरनगर से यज्ञेश त्रिपाठी की रिपोर्ट)
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