अलीगढ़: लागू किया जाएगा दिल्ली जैसा ट्रैफिक सिस्टम, जाम की समस्या से राहत के लिए नई योजना लागू
अलीगढ़ नगर निगम ने यह सुनिश्चित किया है कि बिना लाइसेंस और जरूरी दस्तावेजों के कोई भी ई-रिक्शा सड़कों पर न चले. केवल वैध दस्तावेज रखने वाले ई-रिक्शा को ही सड़कों पर चलने की अनुमति दी जाएगी.

Aligarh Traffic: अलीगढ़ नगर निगम ने आम जनता को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक अहम कदम उठाया है. इस पहल के तहत शहर को चार भागों में विभाजित किया गया है, जिससे ट्रैफिक को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सके. नगर निगम का यह प्रयास ई-रिक्शा संचालन से संबंधित नियम-कानून को सख्ती से लागू करने और शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने पर किया गया है.
इस योजना के तहत अलीगढ़ शहर को चार हिस्सों में बांटा गया है. इसका उद्देश्य है कि ट्रैफिक का दबाव अलग-अलग क्षेत्रों में समान रूप से बंटे और किसी एक स्थान पर जाम की समस्या न हो. साथ ही नगर निगम ने यह सुनिश्चित किया है कि बिना लाइसेंस और जरूरी दस्तावेजों के कोई भी ई-रिक्शा सड़कों पर न चले. आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) द्वारा ई-रिक्शा संबंधी दस्तावेजों की जांच की जाएगी. सभी ई-रिक्शा मालिकों को अपने वाहन का पंजीकरण और लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. केवल वैध दस्तावेज रखने वाले ई-रिक्शा को ही सड़कों पर चलने की अनुमति दी जाएगी.
ई-रिक्शा के लिए नई व्यवस्था
अलग-अलग नंबर या गलत कोडिंग- प्रत्येक ई-रिक्शा को एक विशेष नंबर या रंग आवंटित किया जाएगा. इससे यह पहचानना आसान होगा कि किस दिन कौन-से ई-रिक्शा शहर में चलेंगे. इस प्रणाली के तहत हर रोज केवल निर्धारित संख्या में ई-रिक्शा ही सड़कों पर उतरेंगे. इससे ट्रैफिक में अनुशासन आएगा और जाम की समस्या कम होगी.
ई-रिक्शा का नियमित निरीक्षण- नगर निगम सुनिश्चित करेगा कि सभी ई-रिक्शा तकनीकी रूप से सही स्थिति में हों और उनका संचालन सुरक्षित हो. एप्लिकेशन के माध्यम से निगरानी अवैध ई-रिक्शा संचालन पर लगाम लगाने और ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए नगर निगम ने एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने की योजना बनाई है. इस ऐप के माध्यम से ई-रिक्शा का पंजीकरण और लाइसेंस की स्थिति की निगरानी की जाएगी. अवैध रूप से चल रहे ई-रिक्शा को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा. आम जनता को यह सुविधा मिलेगी कि वे ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकें.
अपर नगर आयुक्त राकेश कुमार सिंह ने बताया कि यह योजना फरवरी माह से लागू की जाएगी. इसकी तैयारी जोरों पर है. उनका कहना है कि यह पहल शहर की ट्रैफिक समस्या को सुलझाने में मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि आम जनता को जाम की समस्या से जल्द राहत मिले." इस योजना के अंतर्गत नगर निगम और आरटीओ के अधिकारी मिलकर काम करेंगे. मुख्य बिंदु निम्नलिखित है, जिसमें सड़कों पर चल रहे सभी ई-रिक्शा की जांच की जाएगी. बिना लाइसेंस और दस्तावेज वाले वाहनों को जब्त किया जाएगा.
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सार्वजनिक जागरूकता अभियान
आम जनता को नई व्यवस्था के बारे में जागरूक किया जाएगा, ताकि वे इसका पालन कर सकें. नगर निगम यह सुनिश्चित करेगा कि ई-रिक्शा चालकों को यातायात नियमों का पालन करने का प्रशिक्षण दिया जाए. यह पहल न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करेगी, बल्कि शहर में ई-रिक्शा संचालन को भी व्यवस्थित करेगी.
ट्रैफिक का बेहतर प्रबंधन होने से मुख्य मार्गों पर जाम की समस्या कम होगी. केवल वैध दस्तावेज वाले और तकनीकी रूप से सही स्थिति में चलने वाले ई-रिक्शा ही सड़कों पर उतरेंगे, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी. अवैध रूप से चल रहे ई-रिक्शा को नियंत्रित किया जाएगा, जिससे ट्रैफिक दबाव कम होगा. गलत कोडिंग और ऐप आधारित निगरानी से जनता को ट्रैफिक व्यवस्था का पालन करना आसान होगा.
Source: IOCL





















