AMU में जमकर उड़ा रंग, छात्र-छात्राओं ने खेली जमकर होली, सामने आया वीडियो
AMU Holi Celebrations: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र अखिल कौशल ने एएमयू प्रशासन से 9 मार्च को होली मिलन समारोह की अनुमति मांगी थी लेकिन AMU प्रशासन ने पहले तो इनकार कर दिया था.

Aligarh Muslim University Holi 2025: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में होली खेलने को लेकर जमकर विवाद हुआ. इसके बाद एनआरएससी हॉल में होली मिलन समारोह कार्यक्रम की अनुमति दी गई. हॉल के प्रोवोस्ट प्रो बीबी सिंह ने कहा 13 और 14 मार्च को एएमयू का कोई भी छात्र हॉल में आकर होली खेल सकता है. इसी बीच अब एएमयू में छात्रों ने जमकर होली खेली और छात्राों ने एक-दूसरे पर गुलाल लगाया. जिसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि छात्र एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हुए होली का जश्न मना रहे हैं.
बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले हिंदू छात्र अखिल कौशल ने एएमयू प्रशासन से 9 मार्च को होली मिलन समारोह की अनुमति मांगी थी लेकिन एएमयू प्रशासन ने पहले तो इनकार कर दिया. इसके बाद 13 और 14 मार्च को एएमयू के एनआरएससी क्लब में होली खेलने की अनुमति दे दी. जिसमें कहा गया था कि यूनिवर्सिटी के जो हिंदू छात्र है वह कल 11:00 बजे से लेकर 3:00 तक एनआरएससी क्लब में होली खेलेंगे.
VIDEO | Uttar Pradesh: Holi celebrations underway at Aligarh Muslim University (AMU).#Holi #Holi2025
— Press Trust of India (@PTI_News) March 13, 2025
(Full video available on PTI Videos- https://t.co/dv5TRAShcC) pic.twitter.com/hB4dqPZCrc
इससे पहले AMU में होली मनाने के विवाद पर अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने कहा था होली का विरोध केवल जिन्ना की मानसिकता को दर्शाता है। जिन्ना तो चला गया लेकिन जिन्ना की मानसिकता के लोग अभी भी AMU में मौजूद हैं. इनके दिमाग से अभी जिन्ना की छवि निकली नहीं है. यह लोग अराजकतावादी हैं इनकी क्या मानसिकता है. कोई भी प्रॉब्लम होगी और कोई भी अगर अराजकता फैलाएगा उसको उसी की भाषा में जवाब दिया जायेगा ,अगर नहीं समझेगा तो उसको ऊपर पहुंचा दिया जायेगा. यह अब नया यूपी है ऐसे लोगो का इलाज अच्छे से करना जानता है.
बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के भीतर लगभग 40 हजार छात्र हैं, जिनमें से चार हजार हिंदू हैं. हिंदू छात्र हर साल होली खेलने की अनुमति इसलिए मांगते हैं, क्योंकि उनकी संख्या कम है और वे चाहते हैं कि त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाए. उनका डर यह है कि यदि अनुमति नहीं मिलती है तो किसी अन्य धार्मिक समूह के छात्र वहां हंगामा कर सकते हैं, जैसा कि पहले भी देखा गया है.
(IANS इनपुट के साथ)
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