69,000 शिक्षक भर्ती में नया बवाल, अर्हता बिना नौकरी, वंचित अभ्यर्थियों ने खोला मोर्चा
ऐसे लोगों की सूची बन रही है जिन्होंने BTC या अन्य अनिवार्य योग्यताएं पूरी नहीं कीं, फिर भी पिछले 5 साल से शिक्षक पद पर कार्यरत हैं.

UP Education Department: 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती में चयन से वंचित रहे अभ्यर्थी अब उन उम्मीदवारों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं, जिन्हें बिना जरूरी अर्हता पूरी किए नौकरी मिल गई. उनका कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में कई अनियमितताएं हुईं, जिनमें आरक्षण घोटाले के साथ-साथ अर्हता न रखने वाले अभ्यर्थियों को भी नियुक्त किया गया.
इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने बताया कि उनकी टीम ऐसे लोगों की सूची बना रही है जिन्होंने BTC या अन्य अनिवार्य योग्यताएं पूरी नहीं कीं, फिर भी पिछले 5 साल से शिक्षक पद पर कार्यरत हैं. उनका आरोप है कि इस पूरी प्रक्रिया में कुछ अधिकारियों की मिलीभगत रही है और अब भी मामले को दबाने की कोशिश हो सकती है.
पटेल ने कहा कि अगर जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई में ढिलाई बरतते हैं, तो यह अभ्यर्थी कोर्ट का रुख करेंगे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे. उनका कहना है कि सुधार की प्रक्रिया अधूरी नहीं होनी चाहिए और सभी गड़बड़ियों को पूरी तरह से दुरुस्त किया जाना चाहिए.
हाईकोर्ट ने सूची रद्द की थी
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षण विवाद को लेकर पूरी चयन सूची रद्द कर नई सूची बनाने का आदेश दिया था, लेकिन मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए पहल कर.
आंदोलनरत अभ्यर्थियों का दावा है कि जहां एक ओर करीब 19000 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले 5 साल से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्त किया गया है जो BTC फेल हैं. वे न केवल नौकरी कर रहे हैं, बल्कि नियमित वेतन भी पा रहे हैं. हाल ही में विभाग ने ऐसे लोगों की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन वेतन की वसूली को लेकर अभी कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए.
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Source: IOCL






















