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Surajkund Mela 2023: फरीदाबाद में आज से हो रहा है सूरजकुंड मेले का आगाज, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे उद्घाटन
Surajkund Mela 2023: हरियाणा के फरीदाबाद में 36वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला शुरू होगा. ये मेला आज से 19 फरवरी तक चलेगा. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इस मेले का उद्घाटन करेंगे.
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Surajkund Mela 2023 News: हरियाणा (Haryana) के फरीदाबाद (Faridabad) में 36वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला-2023 (Surajkund Mela 2023) का उद्घाटन शुक्रवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) द्वारा किया जाएगा. केंद्रीय पर्यटन सचिव अरविंद सिंह ने सूरजकुंड मेला परिसर की बड़ी चौपाल पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि तीन फरवरी से 19 फरवरी तक चलने वाले सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला-2023 एक नयी ऊर्जा और उत्साह के साथ इतिहास रचने जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इस मेले का 36वां संस्करण दुनिया भर से और पूरे भारत से अभूतपूर्व भागीदारी का गवाह बनेगा जिसका उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा शुक्रवार को किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उद्घाटन के मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar), पर्यटन मंत्री कंवर पाल (Kanwar Pal), केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, (Kanwar Pal Gujjar) कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा (Mool Chand Sharma) आदि मौजूद रहेंगे.
1987 में पहली बार लगा था सूरजकुंड शिल्प मेला
उन्होंने बताया कि सूरजकुंड शिल्प मेला 1987 में पहली बार हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था. सिंह ने कहा कि यह शिल्प मेला भारत भर के हजारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को व्यापक दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने में मदद करता है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार से इस मेले ने भारत के विरासत शिल्प को पुनर्जीवित करने में भी मदद की है. उन्होंने कहा कि मेला परिसर में आगंतुकों का प्रवेश आसान बनाने के लिए ऑनलाइन टिकट उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आसपास के क्षेत्रों के आगंतुकों को मेला स्थल तक ले जाने के लिए विभिन्न बिंदुओं से विशेष बसें चलाई जाएंगी.
सिंह ने कहा कि सूरजकुंड मेला 'पार्टनर नेशन' के रूप में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और 'थीम स्टेट' के रूप में भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र की भागीदारी होगी. उन्होंने कहा कि मेले के आगंतुकों को अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा की विरासत और संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे.
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