(Source: ECI / CVoter)
Bains Brothers Join Congress: पंजाब में बैंस ब्रदर्स ने थामा कांग्रेस का हाथ, लोक इंसाफ पार्टी का भी किया विलय
Punjab Bains Brothers News: लोकसभा चुनाव 2019 में सिमरजीत ने लुधियाना से चुनाव लड़ा था. कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
Punjab Lok Insaf Party Merged In Congress: पंजाब लोक इंसाफ पार्टी के 'बैंस ब्रदर्स' (बलविंदर सिंह बैंस और सिमरजीत सिंह बैंस) रविवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस ने बैंस ब्रदर्स का पार्टी में शामिल होने के फैसले का स्वागत किया है. पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लोक इंसाफ पार्टी का कांग्रेस में विलय और बैंस ब्रदर्स का पार्टी में शामिल होने से पंजाब में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी.
नई दिल्ली में राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी के पंजाब प्रभारी देवेंद्र यादव ने बैंस ब्रदर्स को कांग्रेस में शामिल कराया. बैंस ब्रदर्स में सिमरजीत अताम नगर से और उनके बड़े भाई और बलविंदर लुधियाना दक्षिण विधानसभा सीट से दो बार पूर्व विधायक रहे हैं.
ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ‘ਬੈਂਸ ਬ੍ਰਦਰਜ਼’ ਸ. ਬਲਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਬੈਂਸ ਜੀ ਅਤੇ ਸ. ਸਿਮਰਨਜੀਤ ਸਿੰਘ ਬੈਂਸ ਜੀ ਦਾ ਪਾਰਟੀ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਨਿੱਘਾ ਸਵਾਗਤ ਕਰਦੀ ਹੈ। ਤੁਹਾਡੇ ਨਾਲ ਕਾਂਗਰਸ ਹੋਰ ਵੀ ਮਜ਼ਬੂਤ ਹੋ ਗਈ ਹੈ।@RahulGandhi @devendrayadvinc pic.twitter.com/sE9Ei7CL3U
— Punjab Congress (@INCPunjab) May 12, 2024
रेप का आरोप लगने से सियासी करियर हुआ खराब
साल 2019 लोकसभा चुनाव में सिमरजीत ने लुधियाना से चुनाव लड़ा था. कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. जुलाई 2021 में एक कथित रेप केस दर्ज होने के बाद उनका राजनीतिक करियर लगभग खराब हो गया. उन पर 44 वर्षीय महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था. महिला ने आरोप लगाया था कि पूर्व विधायक ने उनसे संपर्क करने के बाद 2020 में कई बार बलात्कार किया.
रेप केस मामले में पुलिस ने सिमरजीत को जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया था. अदालत ने लगभग छह महीने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया. यह मामला अभी अदालत के सामने विचाराधीन है. रेप के मामले में गिरफ्तारी से पहले सिमरजीत और बलविंदर को 2022 के विधानसभा चुनावों में अपनी सीटों पर आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवारों से भारी हार का सामना करना पड़ा था.
बदले की भावना से लगवाया रेप का आरोप
सिमरजीत ने कहा है कि उनके खिलाफ बलात्कार का मामला एक "राजनीतिक प्रतिशोध" था, क्योंकि शिरोमणि अकाली दल नेता-सह-अधिवक्ता हरीश राय ढांडा जो रेप पीड़िता के वकील थे, ने 2022 में उनके खिलाफ चुनाव लड़ा था. साल 2023 के जालंधर लोकसभा उपचुनाव में बैंस बंधुओं ने बीजेपी उम्मीदवार इंदर इकबाल सिंह अटवाल का समर्थन किया, लेकिन AAP के सुशील कुमार रिंकू ने चुनावी जीत हासिल की. बैंस बंधुओं को पहली बार 2012 में अपनी-अपनी सीटों से स्वतंत्र विधायक के रूप में चुना गया था.