Hola Mohalla 2022: अमृतसर में होला मोहल्ला की धूम, 3 दिन तक चलने वाले इस पर्व में जानें क्या होता है खास
Amritsar: होला मोहल्ला सिख समुदाय के लोगों के लिए बड़ा त्योहार माना जाता है. इस दौरान मार्शल आर्ट, घुड़सवारी, कविता पाठ जैसी चीजें की जाती हैं जिसका मकसद सिख योद्धाओं की बहादुरी को सम्मान देना है.

Hola Mohalla In Punjab: पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) स्थित श्री हरमंदिर साहिब, जिसे हम स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) भी कहते हैं, में होली के दौरान होला मोहल्ला (Hola Mohalla) पर्व मनाया जा रहा है. तीन दिन तक चलने वाले इस पर्व के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने आएंगे. इस दौरान श्रद्धालु पवित्र सरोवर में स्नान भी करेंगे.
बता दें कि होला मोहल्ला सिख समुदाय के लोगों के लिए बड़ा त्योहार है. इस दौरान मार्शल आर्ट, घुड़सवारी, कविता पाठ आदि चीजें की जाती हैं जिसका मकसद सिख योद्धाओं की बहादुरी को सम्मान देना होता है. इस दिन श्रद्धालु अपने परिवारों के साथ यहां पहुंचकर श्री हरमिंदर साहिब में मत्था टेकते हैं, गुरबानी सुनते हैं साथी ही पवित्र स्नान करके गुरू साहिब का आशीर्वाद लेते हैं. बता दें कि होली के दिन पूरे देश के लोग यहां आते हैं और स्वर्ण मंदिर में प्रार्थाना करते हैं.
होला मोहल्ला इस चीज का है प्रतीक
सिक्खों के पवित्र धर्मस्थान श्री आनंदपुर साहिब में होली के अगले दिन से लगने वाले मेले को होला मोहल्ला कहते हैं. सिक्खों के लिये यह धर्मस्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है. यहां पर होली पौरुष के प्रतीक पर्व के रूप में मनाई जाती है. इसीलिए दशम गुरू गोविंद सिंह जी ने होली के लिए पुल्लिंग शब्द होला मोहल्ला का प्रयोग किया. गुरुजी इसके माध्यम से समाज के दुर्बल और शोषित वर्ग की प्रगति चाहते थे.
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विशाल लंगर का होता है आयोजन
होला मोहल्ला उत्सव के दौरान आनंदपुर साहिब की सजावट की जाती है और विशाल लंगर का आयोजन किया जाता है. कहते हैं गुरु गोविंद सिंह ने स्वयं इस मेले की शुरुआत की थी. यह जुलूस हिमाचल प्रदेश की सीमा पर बहती एक छोटी नदी चरण गंगा के तट पर समाप्त होता है.
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