कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, आदेश जारी
Coldrif Cough Syrup Ban: आदेश में कहा गया है कि तुरंत खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों को सतर्क किया जाए. बाजार में उपलब्ध इस उत्पाद के सभी स्टॉक को जब्त किया जाय.

महाराष्ट्र सरकार ने भी कोल्ड्रिफ कफ सिरप के बेचने और इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी. रविवार (5 अक्टूबर) को जारी आदेश में कहा गया है कि जहां भी इस प्रोडक्ट का स्टॉक हो उसको फ्रीज (जब्त) किया जाए. मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के बाद महाराष्ट्र सरकार ने ये फैसला लिया है. आदेश में कहा गया है कि महाराष्ट्र खाद्य एवं औषध प्रशासन को मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की दुखद मौत की सूचना मिली. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, सभी लाइसेंसधारियों और आम जनता को तुरंत कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नं. SR-13) की बिक्री, वितरण या उपयोग बंद करने के निर्देश दिए जाते हैं.
मध्य प्रदेश में 14, राजस्थान में 3 बच्चों की मौत
गौरतलब है कि 'जहरीले' कफ सिरप को पीने से बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. मध्य प्रदेश में अबतक 14 बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि राजस्थान में 3 बच्चों की मौत से हड़कंप मचा है. मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की मौत होने के बाद कोल्ड्रिफ कफ सिरप सवालों के घेरे में है. सबके मन में एक ही सवाल है कि कफ सिरप पीने से आखिर बच्चों की मौत क्यों हो गई? बच्चों की मौत के बाद मध्य प्रदेश में इस सिरप पर बैन लगा दिया गया. एक डॉक्टर को गिरफ्तार भी किया गया और निर्माता कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया.
सिरप में 48.6 % डायएथिलीन ग्लाइकोल
जांच में जो खुलासे हुए हैं वो बेहद परेशान करने वाले हैं. कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी की कांचीपुरम यूनिट में हुई जांच में पता चला है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 48.6 फीसदी डायएथिलीन ग्लाइकोल मिला है. जबकि ये मात्रा 0.1 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. बताया जा रहा है कि डायएथिलीन ग्लाइकोल काफी जहरीला होता है. दावा है कि कफ सिरप पीने से बच्चों की किडनी फेल हो गई. बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो गए और उनकी मौत हो गई.
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Source: IOCL

























