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महाराष्ट्र में NCP के दोनों गुटों के लेकर सियासी हलचल तेज, क्या मिलाएंगे हाथ? अजित पवार बोले- 'कुछ लोग BJP से...'

Maharashtra Politics: शरद पवार की एनसीपी-एसपी के साथ आने की अटकलों पर अजित पवार ने कहा कि ऐसे फैसले शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं, न कि पार्टी कार्यकर्ताओं या कनिष्ठ नेताओं द्वारा.

Maharashtra News: अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने 26वें स्थापना दिवस पर मंगलवार को कहा कि प्रतिद्वंद्वी गुटों के फिर से एक साथ आने का कोई प्रस्ताव नहीं है. वहीं एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने भी हाल में चर्चा का विषय रहे इस मुद्दे पर कोई बयान देने से परहेज किया. शरद पवार द्वारा 26 साल पहले सह-स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 2023 में विभाजित हो गई थी, जब उनके भतीजे अजित पवार महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे.

दोनों गुटों ने अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करके पुणे में स्थापना दिवस मनाया. एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होना ‘लोगों के कल्याण’ के लिए लिया गया एक सामूहिक निर्णय था, न कि यह अकेले अजित पवार का निर्णय था. अजित पवार वर्तमान में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं.

एनडीए में शामिल होना सामूहिक निर्णय था- सुनील तटकरे

तटकरे ने कहा, ‘‘यह कोई व्यक्तिगत निर्णय नहीं था. अजित पवार के नेतृत्व में एनडीए में शामिल होना सामूहिक निर्णय था. मैंने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि 2014 के बाद से कई मौके आए, जब पार्टी (तब अविभाजित) ने गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया था. हम एनडीए में शामिल होने के कगार पर थे, लेकिन आखिरी समय में फैसला बदल गया.’’

उन्होंने कहा कि 2023 में अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी ने लोगों के कल्याण के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया. तटकरे ने कहा, ‘‘हम अपनी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा तथा छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर और शाहू महाराज की विचारधारा से समझौता किए बिना एनडीए में शामिल हुए.’’  उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी की यात्रा जारी रहेगी.

ऐसे फैसले शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं- अजित पवार

अविभाजित एनसीपी के 26वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में अजित पवार ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के साथ फिर से जुड़ने की संभावना के बारे में कोई निश्चित बयान नहीं दिया और केवल इतना कहा कि ऐसे फैसले शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं, न कि पार्टी कार्यकर्ताओं या कनिष्ठ नेताओं द्वारा.

उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने और राज्य सरकार का हिस्सा बनने के अपने फैसले को भी उचित ठहराया और कहा, ‘‘हम कोई संत नहीं हैं, जो विपक्ष में रहकर और विरोध करके संतुष्ट हो जाएं." उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लोगों के लिए काम करना चाहती है.

सुप्रिया सुले ने क्या कहा?

पुणे में एक अन्य जगह एनसीपी (एसपी) के स्थापना दिवस समारोह में पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने दोनों गुटों के एक साथ आने के बारे में पूछे गए सवाल का सीधा जवाब देने से परहेज किया.

एनसीपी (एसपी) के एक धड़े के अजित पवार की पार्टी के साथ फिर से जुड़ने की इच्छा और शरद पवार द्वारा पार्टी से संबंधित सभी निर्णय सुले द्वारा लिए जाने की बात कहने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 15 दिनों से मुझे पार्टी नेताओं के साथ पार्टी मामलों पर चर्चा करने या अपने परिवार से भी मिलने का समय नहीं मिला है.’’

ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सुले ने हाल ही में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और भारत के रुख को बताने के लिए कुछ देशों की यात्रा की.

अजित पवार ने कहा, ‘‘एनसीपी की स्थापना छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और राजर्षि शाहू महाराज की विचारधाराओं पर हुई थी. कुछ लोग बीजेपी और महायुति गठबंधन से हाथ मिलाने के हमारे फैसले पर सवाल उठाते हैं. लेकिन, क्या हमने 2019 में शिवसेना के साथ गठबंधन नहीं किया था? तब भी समझौते किए गए थे.’’

हम संत नहीं हैं- अजित पवार

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष में बैठना, नारे लगाना और विरोध मार्च निकालना ही काफी नहीं है. हम संत नहीं हैं. हम यहां एक दिशा देने, लोगों के मुद्दों का समाधान करने और समावेश की राजनीति करने के लिए हैं.’’

अजित पवार ने दावा किया कि पार्टी ने विचारधारा की कीमत पर बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं किया है. एनसीपी के दोनों धड़ों के साथ आने की अटकलों पर पवार ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन अंतिम फैसला नेतृत्व को ही करना है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे मामलों पर पार्टी के नेता ही विचार-विमर्श करते हैं और फैसला लेते हैं.’’

कुछ लोग दूसरी विचारधाराओं के साथ हो लिए- एनसीपी प्रमुख

पवार ने कहा, ‘‘ कुछ लोग दूसरी विचारधाराओं के साथ हो लिए और यह विभाजन बढ़ गया. मैं आज इसके बारे में बात नहीं करना चाहता, लेकिन जो लोग पार्टी के प्रति वफादार रहे, वे हमारी पार्टी की विचारधारा के कारण रहे.’’ उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में एक अलग तस्वीर सामने आएगी.

उन्होंने कहा, ‘‘इस पर ध्यान मत दीजिए कि कौन छोड़कर गया है या कौन शामिल हुआ है. अगर हम एकजुट रहेंगे और आम लोगों के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे तो हमें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.’’

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