IPS Y Pooran मामले में नया मोड़, IAS पत्नी अमनीत ने चिट्ठी लिख लगाए 3 गंभीर आरोप
IPS Y Pooran मामले में उनकी IAS पत्नी अमनीत कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस को पत्र लिखकर तीन गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका दावा है कि FIR ठीक तरीके से नहीं लिखी गई है.

भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे वाई पूरन की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. हालांकि अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. पूरन की पत्नी और भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी अमनीत पी कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी को पत्र लिखकर 3 गंभीर आरोप लगाए हैं.
IAS अमनीत कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस द्वारा IPS Y पूरण कुमार के सुसाइट में दर्ज की गई FIR पर सवाल उठाए हैं. SSP चंडीगढ़ को दी गई चिट्ठी में उन्होंने लिखा है FIR में आरोपियों का कॉलम नंबर सात में नाम नहीं लिखा गया है जबकि उन्होंने अपनी शिकायत में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के SP नरेंद्र बिजारणिया का नाम लिखा है जो आत्महत्या का मुख्य कारण है. उनका आरोप है कि SC ST Prevention of Atrocities Act की धाराएं भी सही नहीं लगाई गई हैं. उन्होंने ये भी लिखा कि उन्होंने पूरन कुमार के फाइनल नोट की कॉपी जो उनकी जेब से मिली है और जो उनके लैपटॉप में थी वो उन्हें अभी तक नहीं दी गई है ताकि वे FIR में जो फाइनल नोट है उससे इन्हें कंपेयर कर सकें.
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पत्र में लिखीं ये तीन बातें
उन्होंने पत्र में लिखा है कि मेरी शिकायत के अनुसार, अभियुक्तों (1) शत्रुजीत कपूर (2) नरेंद्र बिजारनिया के नाम एफआईआर में दर्ज नहीं किए गए हैं, जो उनकी आत्महत्या का कारण बना. निर्धारित एफआईआर दस्तावेज़ प्रारूप के अनुसार, सभी अभियुक्तों को कॉलम संख्या 7 के अंतर्गत सूचीबद्ध किया जाना चाहिए. इसलिए अनुरोध है कि एफआईआर में संशोधन किया जाए ताकि सभी अभियुक्तों के नाम उचित धारा में सटीक रूप से दर्शाए जा सकें.
IAS अमनीत ने लिखा कि- एफआईआर में एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत उल्लिखित धारा को कमजोर किया गया है. इस मामले में लागू उपयुक्त धारा एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संशोधित धारा 3(2)(v) है. सही कानूनी प्रावधानों को लागू करने के लिए धाराओं को तदनुसार जोड़ा जाना चाहिए.
पत्र के आखिरी में अमनीत ने लिखा कि यह भी निवेदन है कि मृतक (स्वर्गीय श्री वाई. पूरन कुमार आईपीएस) की जेब से बरामद दिनांक 7/10/2025 का 'अंतिम नोट' और उनके लैपटॉप बैग से बरामद एक अन्य नोट मुझे आज तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. मुझे उक्त 'अंतिम नोट' की कोई प्रति प्राप्त नहीं हुई है, जिसका मिलान एफआईआर में उल्लिखित संस्करण से किया जा सके. मैं अनुरोध करता/करती हूँ कि दोनों 'अंतिम नोट' की प्रमाणित प्रतियाँ मुझे अभिलेख और सत्यापन हेतु तत्काल उपलब्ध कराई जाएँ.
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Source: IOCL
























