Single Use Plastic Ban: दिल्ली में धड़ल्ले से हो रहा सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल, बैन सिर्फ कागजों तक सीमित
Single Use Plastic Banin Delhi: प्रतिबंध के बावजूद इसके इस्तेमाल को लेकर हालात में कोई बदलाव नहीं आया है और यह आज भी दिल्ली समेत देश के विभिन्न शहरों के बाजारों में पहले की तरह मौजूद है.
Delhi News: राजधानी दिल्ली में सर्दियों के मौसम के प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ जाती है. इसमें सबसे बड़ी समस्या बनती है धूल और वायु प्रदूषण. हालांकि, दिल्ली सरकार ने विंटर एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में 1 अक्टूबर से ही GRAP और इसके तहत आने वाली पाबंदियों को लागू कर दिया है. फिर भी, सर्दियों के मौसम में हवा के जहरीली होने की समस्या से इनकार नहीं किया जा सकता है. सर्दियों में पराली और कूड़ों को ढेर जिनमें सिंगल यूज प्लास्टिक की बहुतायत होती है, उससे हवा के जहरीले होने का खतरा बढ़ जाता है. इसे देखते हुए एक बार फिर से सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर चर्चा होने लगी है. केंद्र सरकार ने पिछले साल जुलाई महीने में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया था, बावजूद इसके देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक अभी भी चलन में है. जिसमें दिल्ली की स्थित सबसे ज्यादा खराब है.
कागजों पर प्रतिबंधित है सिंगल यूज प्लास्टिक
प्रतिबंध के बावजूद इसके इस्तेमाल को लेकर हालात में कोई बदलाव नहीं आया है और यह आज भी दिल्ली समेत देश के विभिन्न शहरों के बाजारों में पहले की तरह मौजूद है. यह दावा टॉक्सिक लिंक की एक रिपोर्ट में किया गया है. इस रिपोर्ट में दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरु, गुवाहाटी और ग्वालियर के मार्केट में किये गए सर्वे के आधार पर तैयार किया गया है. सर्वे के अनुसार, सिंगल यूज प्लास्टिक सिर्फ कागजों पर प्रतिबंधित है, जबकि हकीकत में धड़ल्ले से इसका उपयोग किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक इन पांच शहरों में दिल्ली की सबसे ज्यादा खराब स्थिति है.
धड़ल्ले से जारी है सिंग यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल
टॉक्सिक लिंक ने सिंगल यूज प्लास्टिक ओर प्रतिबंध के एक साल बाद इस साल जून महीने में दिल्ली समेत पांच शहरों के 23 जिलों में 70 पॉइंट पर सर्वे किया. इनमें लोकल स्ट्रीट फूड वेंडर, छोटे रेस्टॉरेंट, रेलवे स्टेशन, होलसेल मार्केट, मॉल और टूरिस्ट प्लेस शामिल हैं. प्रतिबंध का सबसे अधिक असर चाय कॉफी में चीनी मिलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की डंडी और आइसक्रीम स्टिक पर देखा गया. हालांकि, 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्रतिबंधित प्लास्टिक की थैलियां खूब इस्तेमाल की जा रही हैं.
दिल्ली में सबसे ज्यादा इस्तेमाल
बात करें दिल्ली की तो सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक यहां सबसे अधिक 88 प्रतिशत प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है. जबकि ग्वालियर में 84 प्रतिशत, मुंबई में 71 प्रतिशत और गुवाहाटी में 77 प्रतिशत सर्वे पॉइंट्स में इन उत्पादों की मौजूदगी पाई गई. वहीं बेंगलुरु में सबसे कम 55 प्रतिशत इस्तेमाल पाया गया.
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets