हत्या के बाद शवों को मगरमच्छ को खिलाने वाला 'डॉक्टर डेथ' गिरफ्तार, ऑटोवालों को बनाता था निशाना
Delhi News: दिल्ली पुलिस ने 50 मर्डर और 125 अवैध किडनी ट्रांसप्लांट के आरोपी डॉक्टर डेथ देवेंद्र शर्मा को राजस्थान के दौसा से पकड़ लिया. वह फर्जी नाम से पुजारी बनकर आश्रम में छिपा था.

Delhi Crime News: देश के सबसे कुख्यात सीरियल किलर और डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात आरोपी देवेंद्र शर्मा को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के दौसा जिले से आखिरकार अरेस्ट कर लिया है. देवेंद्र शर्मा पर 50 से अधिक मर्डर 125 से ज्यादा अवैध किडनी ट्रांसप्लांट और 2 बार मिली पैरोल से फरार होने जैसे गंभीर आरोप है.
डॉक्टर देवेंद्र शर्मा मूल रूप से यूपी के अलीगढ़ का रहने वाला है. वह एक आयुर्वेदिक डॉक्टर है और BAMS की डिग्री भी ले रखा है. उसने 1994 में गैस एजेंसी घोटाले में 11 लाख रुपये गवाने के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखा और उसके बाद आगे बढ़ता चला गया.
देवेंद्र शर्मा ने साल 1998 से 2004 के बीच अवैध किडनी का बड़ा रैकेट चलाए, जिसमें उसने डॉक्टर अमित के साथ मिलकर 125 से ज्यादा अवैध किडनी ट्रांसप्लांट करवाया है. हर एक ट्रांसप्लांट के लिए उसे करीब 5 से 7 लाख रुपये तक की कीमत मिलती थी.
टैक्सी चालकों की हत्या कर उनके बॉडी को कर देता था मगरमच्छों के हवाले
आरोपी देवेंद्र शर्मा गरीब और मजबूर लोगों को बहला फैसला कर अंगदान करने के लिए मजबूर करता था. उसके अपराध यहीं तक सीमित नहीं थे बल्कि उसने अपने गिरोह के साथ मिलकर टैक्सी चालकों को किडनैप किया उनकी हत्या की और उनके बॉडी को यूपी के कासगंज स्थित मगरमच्छों से भरी हजारा नहर में फेंक दिया. इन चालकों की गाड़ियां ग्रे मार्केट में बेच दी जाती थी. दिल्ली पुलिस में मौजूद रिकॉर्ड में कुख्यात आरोपी के खिलाफ हत्या, अपरहण, और लूटपाट के कुछ 27 मामले दर्ज हैं.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक 2004 में गिरफ्तार होने के बाद कुख्यात अपराधी देवेंद्र शर्मा को दिल्ली ,राजस्थान और हरियाणा की अदालत में 7 मामलों में उम्र कैद और एक मामले में फांसी की सजा सुनाई गयी. लेकिन यह सिलसिला यहां नहीं थमा. 2020 में उसे 20 दिन की पैरोल मिली लेकिन वह 7 महीने तक फरार रहा. जिसके बाद 2023 में 2 महीने की दोबारा पे रोल पर वह बाहर आया और इस बार भी 3 अगस्त से फरार हो गया .
आरोपी फर्जी नाम से पुजारी बनकर रह रहा था
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 6 महीने तक लगातार आरोपी की तलाश की, जिसमें जयपुर ,दिल्ली ,आगरा अलीगढ़ और प्रयागराज में छानबीन की गई. अंत में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आरोपी देवेंद्र शर्मा को राजस्थान के दौसा के आश्रम से गिरफ्तार किया. जहां पर वह फर्जी नाम से पुजारी बनकर रह रहा था. हालांकि दिल्ली पुलिस ने एक अनुयायी बनाकर उसकी पहचान पुख्ता की और फिर उसको गिरफ्तार कर लिया.
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