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Samadhan Yatra: रोहतास में सीएम नीतीश के काफिले के लिए करीब एक घंटे रोकी गई एंबुलेंस, छटपटाती रही मरीज
Negligence of administration: नोखा से सासाराम की ओर मरीज को लेकर एंबुलेंस जा रही थी. उसे मोकर गांव के पास रोक दिया गया था. घंटों ब्रेन हेमरेज की महिला मरीज परेशान रही. मरीज के परिजन भी परेशान दिखे.
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Rohtas News: खबर रोहतास से है. यहां सोमवार को जिला प्रशासन और पुलिस का मानवता को झकझोड़ देने वाला कारनामा सामने आया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपनी समाधान यात्रा (Samadhan Yatra) के तहत यहां पहुंचे थे. उनके काफिले के लिए आरा-सासाराम पथ को एक घंटे के लिए रोक दिया गया था. इस दौरान लगे जाम में एक एंबुलेंस (Ambulance) भी घंटों फंसी रही. एंबुलेंस में एक ब्रेन हेमरेज की मरीज छटपटाती रही, लोग विरोध करते रहे, लेकिन पुलिस वालों को तनिक भी दया नहीं आई. उन्होंने एंबुलेंस को टस से मस नहीं होने दिया.आखिर मुख्यमंत्री जी जाने वाले थे.
मोकर के पास रोका गया था यातायात
जानकारी के अनुसार, सोमवार को सासाराम में सीएम नीतीश कुमार अपनी समाधान यात्रा के लिए पहुंचे हुए थे. उनके काफिले को लेकर सासाराम-आरा पथ को लगभग एक घंटे से अधिक समय तक के लिए सासाराम के मोकर के पास बंद करके रखा गया. इस कारण घंटों सैकड़ों गाड़ियां फंसी रहीं. बड़ी बात यह कि एक एंबुलेंस भी ब्रेन हेमरेज की महिला मरीज को लेकर फंसी रही. लेकिन, किसी ने उसे निकालने की जहमत नहीं उठाई.
लोगों के विरोध पर भी नहीं मानें
बता दें कि नोखा से सासाराम की ओर मरीज को लेकर एंबुलेंस जा रही थी. उसे मोकर गांव के पास रोक दिया गया था. इस कारण घंटों मरीज परेशान रही. मरीज के परिजन भी परेशान दिखे. एंबुलेंस का सायरन बजता रहा, लेकिन किसी अधिकारी या पुलिसकर्मी ने उसे निकालने की कोशिश नहीं की. बाद में स्थानीय लोगों ने जब विरोध शुरू किया, तब भी एंबुलेंस को रास्ता नहीं दिया गया. जब सीएम का काफिला गुजर गया, उसके बाद ही एंबुलेंस को जाने दिया गया. इस कारण मरीज की जान खतरे में पड़ी रही.
क्या है प्रावधान
यहां आपको यह बताना जरूरी है कि यातायात नियमों के तहत किसी भी वीवीआईपी प्रोटोकॉल के दौरान एंबुलेंस को रोकने का प्रावधान नहीं है. खासतौर पर तब, जब एंबुलेंस में मरीज मौजूद हो तो उसे सबसे पहले निकालने का प्रावधान किया गया है. लेकिन, सासाराम जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री को वरीयता दी.
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