Agnipath Protests Explained | सेना में भर्ती नहीं तो जला देंगे देश, आख़िर क्यों हैं केंद्र की योजना पर लोग नाराज़ | FYI | Ep. 256
Episode Description
Introduction
Time:0.10 - 2.50
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ
जब हरिवंश राय बच्चन ने अपनी कविता अग्निपथ में लाइनें लिखी होंगी, तब उन्हें क्या पता था कि अग्निपथ नाम की केंद्र की योजना के खिलाफ लोग रेल जलाते नहीं थकेंगे, सांसदों और सिधायकों के घर तोड़ते नहीं रुकेंगे। अब तक आप समझ ही गए होंगे कि मैं क्या बात कर रहे हूँ यहाँ। मैं बात कर रही हूँ केंद्र द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना की। देशभर में यही खबर छाई हुई है, और इसलिए नहीं क्योंकि लोग उत्साहित हैं इस योजना का फायदा उठाने के लिए, बल्कि इसलिए क्योंकि लोग गुस्साए हुए हैं, स्टेशन से लेकर घरों तक इस योजना के खिलाफ नफरत की लपटें उठ रही हैं। सेना में भर्ती की प्रक्रिया में बदलाव पर इस योजना को लेकर पूरे देश में आक्रोश (Protest) है. अग्निनपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर प्रदर्शनकारी देश के अलग-अलग हिस्सों में अपना विरोध जता रहे हैं. इसी बीच आज बिहार (Bihar) में लखीसराय (Lakhisarai) में प्रदर्शनकारियों ने नई दिल्ली से भागलपुर जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन (Vikramshila Express Train) में आग लगा दी. इस ट्रेन की 12 बोगी आग लगने से क्षतिग्रस्त हो गई.
इस दौरान जलती ट्रेन में यात्रा कर रहे एक शख्स की मौत हो गई. लखीसराय के डीएम ने एबीपी न्यूज को बताया कि यात्री बीमार था और ट्रेन से यात्रा कर रहा था. उसे लखीसराय के सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया ना जा सका.
रेल मंत्री ने की अपील की कि भैया railway को नुकसान मत पहुंचाओ ये तो तो सार्वजनिक संपत्ति है, तुम्हारी भी है मगर लोगों के सर पर रोष सवार है। वो कहाँ किसी की सुन रहे हैं। मगर जहाँ हम सब इस आगजनी की खबर अपने सामने TV और social media पर चलती देख रहे हैं, वहीँ कई लोगों को पता ही नहीं है कि प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं और और अग्निपथ योजना आख़िर है क्या। तो आज FYI पर हम बात करेंगे कि असल में अग्निपथ योजना क्या है और क्यों मच रहा है इस पर बवाल
नमस्कार, आदाब, सत्श्रीअकाल,
मैं हूँ Sahiba Khan और आप सभी के समक्ष हूँ, ABP Live Podcasts की खास पेशकश - FYI पर। आज बात होगी अग्निपथ योजना की। तो सबसे पहला सवाल, क्या है अग्निपथ योजना
जवाब - भारत सरकार ने जून 2022 में रक्षा बलों (यानी कि Army, Air Force और Navy) के लिए अग्निपथ भर्ती स्कीम का ऐलान किया (Agnipath recruitment scheme), जिसके अंतर्गत भारतीय सैनिकों की भर्ती अब सिर्फ चार साल के लिए की जाएगी. अग्निपथ योजना के तहत सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया में एक बड़े बदलाव की घोषणा भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने की (Agnipath Scheme).
इस योजना में सेना में चार साल के लिए युवाओं की भर्ती का प्रावधान है. साथ ही उन्हें सेवानिवृत्ति के साथ सेवा निधि पैकेज दिए जाने की योजना भी इस स्कीम में शामिल है (Agnipath Scheme Job Duration).
इस स्कीम के तहत सेना में शामिल होने वाले को अग्निवीर कहा जाएगा (Agniveer). सेना की इस नई भर्ती स्कीम को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, वायु सेना के चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में लॉन्च किया. अग्निपथ योजना का लक्ष्य आर्मी सर्विस की प्रोफाइल को उपयोगी बनाना है (Agnipath Scheme Objectives).
हर साल योजना के तहत 2 बार भर्ती होगी। हर भर्ती में 40-50 हज़ार भर्तियां होंगी। इसमें 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के लड़के फॉर्म भर सकते हैं, हालाँकि नौजवानों का आक्रोश देखते हुए सरकार अभी-अभी फैसला लिया कि अब उम्र 23 साल तक बढ़ा दी है मगर केवल इस साल के लिए। 21 साल की उम्र में क्या दिक्कत थी और युवा क्यों इस पर भड़के हुए हैं, ये सब आगे बताएँगे। अभी basic कोरा-कोरा समझें कि योजना क्या है। आगे बढ़ते हैं। योजना के तहत हर इंसान को 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी और उसके बाद वो लोग केवल बचे हए 3.5 साल तक सेना में भर्ती रह सकते हैं जहाँ युवाओं को पहले साल 4.76 लाख का पैकेज मिलेगा,यानी कि हर महीना कुछ 40 हज़ार, जो चौथे साल तक बढ़कर 6.92 लाख तक पहुंच जाएगा. यानी कि हर महीना करीब 58 अट्ठावन हज़ार। इसके अलावा इस योजना में रिस्क और हार्डशिप अलाउएंस भी मिलेंगे. चार साल की नौकरी के समाप्त होने के बाद उन्हें 11.7 लाख रुपए की सेवा निधि मिलेगी जो टैक्स-फ्री होगा (Tax Free Service Fund for Agnipath Scheme). अब ये जो हर महीना 40,000 और 58 (अट्ठावन) हज़ार की बात कही जा रही है, इसमें से 30% कटेगा आपकी सेवा निधि का पैसा। इस योजना एक का मक़सद है
- कि सेना में जवान लोग ज़्यादा भर्ती हों इसलिए उम्र कम राखी गई है। Lt Gen BS Raju ने कहा कि "सेना के जवानों की औसत आयु लगभग 32-33 वर्ष है। अग्निपथ योजना के साथ, लगभग 8-10 वर्षों में, हम सैनिकों की प्रोफाइल को लगभग 26 वर्ष तक कम करने में सक्षम होंगे। यह सेना को ज़्यादा फिट बना देगा। अभी फिलहाल हम बस इस योजना के main features की बात कर रहे हैं। इन बातों पर लम्बी व्हर्चा करने के लिए हम थोड़ी देर में Lt. Gen. Shankar Prasad से बात करेंगे और उन से समझेंगे कि इन शब्दों में कितनी सच्चाई है। फिलहाल आगे बढ़ते हैं। हालांकि Lt. Gen. Rameshwar Roy का कहना है कि ये योजना गलत समय पर आई है। हमारे ऊपर हर तरफ से दुश्मन देश का खतरा मंडरा रहा है। 2020 में चीन ने दिखा दिया कि वो क्या कर सकते है। पाकिस्तान भी उसी का दम भरता है। क्या इतने छोटी उम्र के लड़के इन दिक्कतों को समझ पाएंगे।
- एक मक़सद ये भी है कि सेना को और ज़्यादा heterogenous यानी कि विषम बनाना। हर जगह के लोग apply कर सकते हैं, उन्हें अलग-अलग टुकड़ियों में बाँट दिया जायेगा।
- सरकार सेना पर हर साल काफी पैसा खर्च करती है। सरकार का कहना है कि सेना में लोगों की pension और उनके रख-रखाव का खर्चा बचे तो वो सेना के आधुनिकीकरण यानी कि modernisation में खर्चा करें। इस योजना से पहले ही लोगों उनके हक़ का पैसा देदिया जायेगा और ज़्यादातर लोग तो 4 साल बाद सेना छोड़ ही देंगे तो वो पैसा भी बचेगा। 11 लाख की पेंशन एक बार में मिल जाएगी और जीवन-भर pension की झंझट भी नहीं रहेगी।
सरकार का कहना है कि ये बदलाव कई नए ज़माने के देश कर चुके हैं और उन्हें इसका अच्छा फल भी मिल रहा है। Israel से लेकर France तक सभी देश कभी न कभी ये बदलाव लाये हैं। ऐसा इस scheme के समर्थक बोल रहे हैं। मगर जब मैंने Retired Lt. Gen. Rameshwar Roy से बात की तो उन्होंने कहा कि Israel, France, इन देशों से हमारे देश की तुलना कैसे हो सकती हैं। भारत कितने अलग-अलग देशों के साथ अपना border share करता है। हमारी दिक्कतें अलग हैं, हमारे आस-पास दुश्मन मुल्क़ ज़्यादा हैं जो एक तीली भर दिक्कत का भी फायदा उठाने से बाज़ नहीं आते।
Lt. Gen. Rameshwar Roy ये भी कहते हैं कि 6 महीने में कोई जवान सेना की बारीकियों को कैसे समझ पायेगा। सेना में सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है मनोबल - Conditioning of the mind. वो बताते हैं कि Siachen में हर साल combat से ज़्यादा मौतें लोगों की वहां की ठण्ड के कारण होती हैं। तो हम कैसे 6 महीने में 18-20 साल के लड़कों से उम्मीद कर सकते हैं कि वो अपना मनोबल नहीं खोएंगे।
- एक अहम feature ये भी है कि जितनी भी भर्तियां होंगी, उनमें से केवल 25% लोग ही सेना में 15 और सालों के लिए में सेवा देंगे - यानी कि अगर 100 लोग हैं तो केवल 25 लोग ही आगे सेना में सेवा दे सकते हैं। इस पर बाकियों के लिए सरकार का जवाब ये है कि उन्हें ऐसे skill-set दिए जाएंगे कि उनकी नौकरी लग्न बहुत आसान हो जायेगा और नौकरी के लिए भी उन्हें 4 साल बाद पैसे मिलेंगे ताकि वो अपना खुद का कुछ व्यापार कर सकें या नौकरी पा सकें। इस पर भी कई लोग आलोचना कर रहे हैं, जो आगे बताएँगे।
- योजना AIAC यानी कि All India All Class के तहत काम करेगी। आपको पता होगा कि सेना में बटालियन होती हैं अलग-अलग groups की और ये बटालियन होती हैं जगह, जाति और धर्म के आधार पर। मगर AIAC के तहत सभी जगह के लोगों को भर्ती किया जाएगा और उन्हें अलग-अलग बटालियनों में दाल दिया जायेगा। इस पर भी विवाद है। Retired Lt Gen Tej Sapru (retd), पूर्व जीओसी-इन-सी पश्चिमी कमान का हिस्सा थे। Sapru गोरखा बटालियन से आते हैं और उनका मानना है कि इस तरह अलग-थलग लोग अगर किसी भी बटालियन का हिस्सा बनेंगे तो सही नहीं रहेगा। नेपाल की अर्थव्यवस्था में गोरखा रेजिमेंट का बहुत योगदान है। इसी कारण चीन अब तक नेपाल पर अपनी साख नहीं जमा पाया है और नेपाली भारत के प्रति वफादार रहते हैं। अब अगर उसमें अगर छेड़-छड़ होती है जैसे पेंशन नहीं आती है, उम्र कम होती है तो भारत और नेपाल के रिश्तों में दरार आ सकती है।
तो ये तो थी अग्निपथ योजना। अब बात करते हैं Lt. Gen. Shankar prasad से क्योंकि वो हमें देंगे ऐसा ज्ञान जो सिर्फ एक एक्सपर्ट ही हमें दे सकता हैं। Lt. Gen. Shankar prasad सेना का हिस्सा रहे हैं, वो इस योजना के साथ-साथ रणभूमि में लड़ने की बारीकियां भी समझते हैं। उनसे जानते हैं कि वो इस पर क्या मत रहते हैं।
Interview
तो Lt. Gen. Shankar prasad ने हमें काफी बेहतरीन ज्ञान दिया इस योजना के बारे में। उम्मीद है आप सभी को इस योजना से सम्बंधित ज्ञान समझ आया होगा। ये भी समझ आया होगा कि नौजवान, जिन्हें भारत की रक्षा करने के लिए सेना में जाना था, वो आख़िरकार क्यों खुद ही देश का नुक्सान करने पर तुले हुए हैं। मज़ाक तो ये भी चल रहा है कि अब सरकार के bulldozer कहाँ गए। मगर खैर ये थी ABP Live Podcasts की ख़ास पेशकश FYI. आवाज़ है मेरी यानी कि Sahiba Khan की और पॉडकास्ट की sound-designing की है Lalit ने। मिलेंगे अगले FYI में। अपना ख्याल रखें। नमस्कार
Host: @jhansiserani
Sound designing: @lalit1121992
Guest: Lt. Gen. Shankar Prasad (retd.)
























