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रबर का बना होता है प्लेन का पहिया! फिर लैंडिंग के वक्त उससे क्यों निकलने लगती है चिंगारी? जान लें यह कितना खतरनाक
Plane Wheels: अक्सर प्लेन की लैंडिंग के वक्त टायरों से चिंगारी और धुआं दिखाई देता है, हालांकि ये आम बात है और इससे ज्यादा डरने की जरूरत नहीं होती है.
अहमदाबाद एयरपोर्ट के नजदीक हुए प्लेन क्रैश के बाद लोगों के मन में हवाई सफर को लेकर डर का माहौल है. कई लोग एयर इंडिया से सफर नहीं करने की बात कर चुके हैं, वहीं कुछ लोग प्लेन के टेकऑफ के बाद घबरा रहे हैं.
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इसी बीच कुछ विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग की खबरों ने भी सभी को हैरान कर दिया, जब भी हवा में ऐसा कुछ भी होता है तो प्लेन के अंदर मौजूद सैकड़ों लोगों की जान हलक में आ जाती है.
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लखनऊ एयरपोर्ट पर भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब रनवे पर प्लेन के पहिये चिंगारी छोड़ने लगे. इस विमान में 250 लोग सवार थे, सऊदी की इस फ्लाइट के टायर से धुआं निकलने के वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे हैं.
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आमतौर पर ऐसा तब होता है जब लैंडिंग में फिसलने का डर हो, एक्सपर्ट्स के मुताबिक रनवे पर पानी या फिर फिसलन होने की वजह से हार्ट लैंडिंग करवाई जाती है, इसमें टायरों को जानबूझकर ब्रेक लगाकर रोका जाता है और घर्षण पैदा होता है, जिससे चिंगारी भी आ सकती है.
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अब कुछ लोगों का कहना है कि प्लेन के टायर रबर के होते हैं तो उनसे चिंगारी कैसे निकल सकती है? दरअसल प्लेन के टायर गाड़ियों के टायर से अलग होते हैं. इनमें सिर्फ रबर नहीं होता है, बल्कि एल्युमिनियम और स्टील जैसी चीजें भी मिक्स होती हैं. इन सबकी कई परतें इस पर चढ़ी होती हैं.
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प्लेन के टायर का प्रेशर किसी भी कार से कई गुना ज्यादा होता है. करीब 400 लैंडिंग तक प्लेन के टायर सही सलामत रहते हैं, इसके बाद उनकी बाहरी लेयर को बदला जाता है.
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प्लेन के टायरों में आमतौर पर नाइट्रोजन गैस भरी जाती है. इन्हें खास तरह से डिजाइन किया जाता है और प्रेशर झेलने के लिए बनाया जाता है. ऐसे में प्लेन के टायर काफी कम फटते हैं. क्योंकि इसमें रबर के साथ कई चीजों का इस्तेमाल होता है, ऐसे में ज्यादा घर्षण होने के चलते इनसे चिंगारी निकल सकती है.
Published at : 16 Jun 2025 02:59 PM (IST)
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