ब्रिटेन की संसद में भारत में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर क्या कहा गया जिसकी चर्चा हो रही है
Kisan Andolan: सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने ब्रिटेन की संसद में भारतीय किसानों के मुद्दों को उठाया है. उनका कहना है कि किसानों की अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा होनी चाहिए.
Kisan Andolan: देश में एक बार फिर से किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसकी आवाज ब्रिटेन के संसद तक सुनाई दे रही है. गुरुवार (22 फरवरी 2024) को सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने किसानों को लेकर ब्रिटिश संसद में आवाज उठाई. उनका कहना है कि किसानों की अभिव्यक्ति की आजादी की हर हाल में रक्षा होनी चाहिए.
तनमनजीत सिंह ने ब्रिटिश संसद में उठाई किसानों की आवाज
तनमनजीत सिंह ने ब्रिटिश संसद को संबोधित करते हुए कहा, 'मेरे निर्वाचन क्षेत्र के कई लोग नई दिल्ली की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारी किसानों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं. उन्होंने पत्र के माध्यम से मुझे अपनी समस्या से अवगत कराया है.'
पुलिस के साथ हुए विवाद में एक प्रदर्शनकारी की मौत
उन्होंने बताया, 'पुलिस के साथ हुए विवाद में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है. मृतक को सिर पर गोली लगी थी. पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री का इस मुद्दे पर कहना है कि एक लड़के की गोली लगने से मौत गई है. एक अन्य शख्स को भी गोली लगी है, लेकिन सौभाग्य से उसे बचा लिया गया है.'
झड़प में 13 लोग हुए चोटिल
यही नहीं 13 लोग झड़प में चोटिल हुए हैं. उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने बीबीसी की रिपोर्ट के आधार पर कहा, 'आज बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्विटर की बिना मंजूरी के सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे एक्टिविस्टों के अकाउंट को हटाने के लिए मजबूर किया जा रहा है.'
तनमनजीत सिंह ढेसी ने सुरक्षा का उठाया मुद्दा
तनमनजीत सिंह ढेसी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मेरी बात से यहां उपस्थित हर कोई सहमत है कि हर किसी के अभिव्यक्ति की आजादी और प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा एवं उनके मानवाधिकारों की किसी भी हाल में रक्षा की जानी चाहिए.
देश में पंजाब और हरियाणा के किसान एमएसपी और अपनी अन्य मांगों को लेकर धरने पर जमे हुए हैं. प्रदर्शन का सबसे उग्र रूप हरियाणा में देखने को मिल रहा है. हाल यह है कि यहां पर किसानों को कंट्रोल में रखने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़ रहे हैं.
पुलिस की बढ़ती कार्रवाई को देखते हुए किसान भी बड़ी सख्यां में इकट्ठा होने लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पुलिस ने कुछ किसान नेताओं को हिरासत में भी लेना शुरू कर दिया है. अपने नेताओं की गिरफ्तारी से क्षुब्ध कुछ किसानों ने पथराव किया है.
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