Blast in Kabul: अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात के बीच राजधानी काबुल में शक्तिशाली विस्फोट
Blast in Kabul: गृह मंत्री मीरवाइस स्तानिकजई ने कहा कि विस्फोट पॉश शेरपुर इलाके में हुआ, जो राजधानी के एक बेहद सुरक्षित हिस्से में है जिसे ग्रीन जोन के रूप में जाना जाता है.
Blast in Kabul: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक पॉश इलाके में मंगलवार को एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जहां रक्षा मंत्री सहित कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी रहते हैं. हमले में हताहतों की तत्काल कोई खबर नहीं है, लेकिन कई छोटे विस्फोटों के साथ-साथ गोलीबारी की आवाज भी सुनी जा सकती थी.
गृह मंत्री मीरवाइस स्तानिकजई ने कहा कि विस्फोट पॉश शेरपुर इलाके में हुआ, जो राजधानी के एक बेहद सुरक्षित हिस्से में है जिसे ग्रीन जोन के रूप में जाना जाता है. हाल के समय में राजधानी में हुआ यह पहला विस्फोट है.
किसी ने हमले की तत्काल जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन यह तब हुआ जब तालिबान विद्रोही एक आक्रामक अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं जो देश के दक्षिण और पश्चिम में प्रांतीय राजधानियों पर दबाव डाल रहा है. इस्लामिक स्टेट समूह ने काबुल में हुए हाल के कुछ हमलों की जिम्मेदारी ली, लेकिन कई हमलों की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली. हालांकि, सरकार तालिबान को दोषी ठहरा रही है और तालिबान सरकार को दोषी ठहरा रहा है.
तालिबान ने दक्षिण अफगानिस्तान की प्रांतीय राजधानी के 10 में से नौ जिलों पर कब्जा किया
इधर, दक्षिण अफगानिस्तान में तालिबान का आगे बढ़ना मंगलवार को भी जारी रहा और उसने हेलमंद प्रांत की राजधानी के 10 में से नौ जिलों पर कब्ज़ा कर लिया. निवासियों और अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. वहीं, अफगान बलों ने अमेरिका की मदद से लश्कर गाह शहर को बचाने के लिए हवाई हमले किए. लश्कर गाह का हाथ से निकलना तालिबान के आक्रमण का प्रमुख अहम मोड़ होगा जिसने युद्धग्रस्त देश से अमेरिका और नाटो के बलों की वापसी के बीच पिछले कई महीनों से हमले तेज़ कर दिए हैं. यह तालिबान द्वारा कब्जा की जाने वाली पहली प्रांतीय राजधानी होगा.
शहर के निवासियों ने ‘द एसोसिएटिड प्रेस’ से फोन पर बात करते हुए कहा कि लड़ाई ने उन्हें घरों में कैद कर दिया है और वे बुनियादी सामान के लिए भी घरों से नहीं निकल पा रहे हैं. उनका कहना है कि तालिबान के लड़ाके सड़कों पर खुलेआम घूम रहे हैं और लश्कर गाह के एक जिले को छोड़कर सभी पर उसका नियंत्रण हो गया है. अफगान बलों की मदद के लिए काबुल से विशिष्ट कमांडों की इकाई को भेजा गया है। सरकार का स्थानीय पुलिस और सेना मुख्यालय समेत अहम सरकारी इमारतों पर कब्जा है.
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