एक्सप्लोरर

साल 2022 में मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों के विकास के लिए क्या कदम उठाए?

अल्पसंख्यक समुदाय को शिक्षा के प्रति जागरूक करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जाती हैं. 2022 अल्पसंख्यकों के मामले में उनके लिए कई उपलब्धियों से भरा साबित हुआ है.

केंद्र सरकार लगतार कई योजनाओं के माध्यम से अल्पसंख्यक वर्ग को सशक्त बनाने का प्रयास करती रही है. साल 2022 की बात करें तो इस साल भी केंद्र की तरफ से इन समुदायों के उत्थान के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई. यह साल अल्पसंख्यकों के मामले में उनके लिए कई उपलब्धियों से भरा साबित हुआ है.

आइए जानते है केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में...

छात्रवृत्ति योजनाएं

अल्पसंख्यक समुदाय को शिक्षा के प्रति जागरूक करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जाती हैं. इसी में से एक छात्रवृत्ति योजनाएं है. यह योजना उन विद्यार्थियों के लिए है जो आर्थिक संकट के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहें और अपने सपनों को पूरा करने में असमर्थ हैं. 

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित छात्रों के शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए तीन छात्रवृत्ति योजना चला रहे हैं. 

  • प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति
  • पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति
  • योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति 

प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना

यह केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है. जिसके तहत पिछली परीक्षा में 50 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले और माता-पिता की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक नहीं होने वाले छात्र को स्कॉलरशिप दी जाती है. इस योजना के तहत 30 फीसदी छात्रवृत्ति छात्राओं के लिए निर्धारित है. साल 2014-15 से 2021-22 के दौरान कुल 4,43,50,785 स्कॉलरशिप (52.24 फीसदी महिलाओं सहित) को मंजूरी दी गई है. 

पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति

इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का फायदा मिलता है. इस योजना के तहत राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के प्रतिभावान छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करेगी. 

इस योजना के तहत नवीनीकरण के अलावा हर साल 5 लाख नई छात्रवृत्तियां प्रदान की जानी हैं. इसमें लगभग 30 फीसदी छात्रवृत्तियां छात्राओं के लिए निर्धारित हैं. 2014-15 से 2021-22 के दौरान कुल 57,06,334 छात्रवृत्तियों (55.91 फीसदी महिलाओं सहित) को मंजूरी दी गई है.

प्रधानमंत्री विकास योजना 

प्रधानमंत्री विकास योजना की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा की गयी है. इस योजना का लक्ष्य एक परिवार- केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना है, जिसमें कारीगर परिवार, महिला, युवा और अलग-अलग दिव्यांगों पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लाभार्थियों को लक्षित किया गया है. इस योजना को चार चरणों में लागू करने की योजना बनाई गई है.

  • कौशलता और प्रशिक्षण
  • क्रेडिट सहायता के साथ नेतृत्व और उद्यमिता
  • विद्यालय छोड़ने वालों के लिए शिक्षा
  • मंत्रालय की पीएमजेवीके योजना की सहभागिता में अवसंरचना विकास 

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अनुसार साल 2014 से हमारे देश में पारसी, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले लगभग 5 करोड़ से ज्यादा छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई. सरकार का कहना है कि ऐसा करने से खासकर मुस्लिम लड़कियों के स्कूल छोड़ने की संख्या कम हुई है. 2014 से पहले मुस्लिम लड़कियों में स्कूल छोड़ने की संख्या 70 प्रतिशत थी जो अब घटकर 30 प्रतिशत से भी कम हो गई है. 

सीखो और कमाओ (एसएके)

इस योजना को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने सितंबर, 2013 में शुरू किया था. देश में अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को अलग अलग तरह के लाभ मुहैया करवाए जाते हैं ताकि उस समुदाय का विकास हो पाए. अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा पारंपरिक कौशल के क्षेत्र में व्यवसाय किया जाता है जो हर बीतते साल के साथ कम होता जा रहा है. साथ ही नई पीढ़ी के युवा पारंपरिक कौशल को नहीं अपना रहे हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा सीखो और कमाओ योजना का शुभारंभ किया गया है. इसी योजना के तहत इस साल यानी 2022 में लगभग 8 लाख महिला को लाभ पहुंचा है.

उस्ताद

उस्ताद योजना को औपचारिक रूप से 14 मई, 2015 को शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों की पारंपरिक कलाओं/शिल्पों की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना है. 

हमारी धरोहर

इस योजना के कार्यान्वयन से भारतीय संस्कृति की समग्र अवधारणा के तहत अल्पसंख्यक समुदायों की समृद्ध विरासत को संरक्षित किया जा रहा है. 

नया सवेरा योजना 

नया सवेरा योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे सरकारी और निजी नौकरियों में उनकी भागीदारी में सुधार होगा. 

जियो पारसी योजना 

इस योजना की शुरुआत करना का उद्देश्य भारत में पारसियों की कम होती जनसंख्या को बढ़ाना है. पढ़ो परदेश योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को विदेश में अध्ययन के लिये शैक्षिक ऋण के ब्याज पर सब्सिडी दी जाती है. 

अल्पसंख्यकों को मिला अब तक का सबसे ज्यादा बजट 

अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक मंत्रालय के लिए अपने बजट से 5020.50 करोड़ का प्रावधान किया. इससे पहले यानी साल 2021-2022 में मंत्रालय के लिए 4810.77 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था. पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस साल 674.05 रुपये ज्यादा रहा.

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की स्थापना साल 2006 में अल्पसंख्यक समुदायों को सशक्त बनाने के लिए की गई थी. इन समुदायों में जैन, पारसी, बौद्ध, सिख, ईसाई और मुसलमान हैं. यह मंत्रालय हमारे राष्ट्र के बहु-नस्लीय, बहु-जातीय, बहु-सांस्कृतिक, बहु-भाषी और बहु-धार्मिक चरित्र को मजबूत करने के लिए एक सक्षम वातावरण का निर्माण करना चाहता है.

इसका मिशन सकारात्मक कार्रवाई और समावेशी विकास के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों की सामाजिक- आर्थिक स्थिति में सुधार करना है, जिससे हर एक नागरिक को शिक्षा, रोजगार, आर्थिक गतिविधियों में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए समान हिस्सेदारी की सुविधा और उनके उत्थान को बढ़ाने को लेकर एक गतिशील राष्ट्र के निर्माण में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने का समान अवसर प्राप्त हो.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

IndiGo का लाखों यात्रियों के साथ धोखा! सेल में टिकटें बेचकर बाद में उड़ानें रद्द, नवंबर–दिसंबर की प्लानिंग एक्सपोज़
IndiGo का लाखों यात्रियों के साथ धोखा! सेल में टिकटें बेचकर बाद में उड़ानें रद्द, नवंबर–दिसंबर की प्लानिंग एक्सपोज़
मंत्री एक साथ वेतन और पेंशन लेते पकड़े गए! RTI में खुलासा, बिहार और केंद्र सरकार के 8 नेताओं पर सवाल
मंत्री एक साथ वेतन और पेंशन लेते पकड़े गए! RTI में खुलासा, बिहार और केंद्र सरकार के 8 नेताओं पर सवाल
Vande Matram Debate:  नेहरू पर पीएम मोदी ने ऐसा क्या बोला, भड़क गए गौरव गोगोई, बोले- 'दाग नहीं लगा सकते'
नेहरू पर पीएम मोदी ने ऐसा क्या बोला, भड़क गए गौरव गोगोई, बोले- 'दाग नहीं लगा सकते'
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान

वीडियोज

Parliament Session: 'ये राष्ट्रवादी नहीं, राष्ट्रविवादी लोग..', Akhilesh Yadav का पलटवार | SP | BJP
Parliament Winter Session: Indigo संकट पर राज्यसभा में सरकार ने दिया जवाब | Rammohan Naidu
Parliament Winter Session: Indigo संकट को लेकर कांग्रेस सांसद Pramod Tiwari ने सरकार पर उठाए सवाल |
Parliament Winter Session: 'कांग्रेस ने वंदे मातरम् और देश के टुकड़े किए'- PM Modi | Congress
Parliament Session: Congress नेताओं ने किया हंगामा, PM Modi ने एक लाइन में सबका मुंह बंद कर दिया!

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
IndiGo का लाखों यात्रियों के साथ धोखा! सेल में टिकटें बेचकर बाद में उड़ानें रद्द, नवंबर–दिसंबर की प्लानिंग एक्सपोज़
IndiGo का लाखों यात्रियों के साथ धोखा! सेल में टिकटें बेचकर बाद में उड़ानें रद्द, नवंबर–दिसंबर की प्लानिंग एक्सपोज़
मंत्री एक साथ वेतन और पेंशन लेते पकड़े गए! RTI में खुलासा, बिहार और केंद्र सरकार के 8 नेताओं पर सवाल
मंत्री एक साथ वेतन और पेंशन लेते पकड़े गए! RTI में खुलासा, बिहार और केंद्र सरकार के 8 नेताओं पर सवाल
Vande Matram Debate:  नेहरू पर पीएम मोदी ने ऐसा क्या बोला, भड़क गए गौरव गोगोई, बोले- 'दाग नहीं लगा सकते'
नेहरू पर पीएम मोदी ने ऐसा क्या बोला, भड़क गए गौरव गोगोई, बोले- 'दाग नहीं लगा सकते'
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान
Kaantha OTT Release Date: 'कांथा' की ओटीटी पर रिलीज डेट हुई कंफर्म, जानें-कब और कहां देख सकेंगे दुलकर सलमान की ये फिल्म
'कांथा' की ओटीटी पर रिलीज डेट हुई कंफर्म, जानें-कब और कहां देख सकेंगे ये फिल्म
Metro Jobs: इस शहर की मेट्रो ट्रेन में निकली वैकेंसी, होना चाहिए ये सर्टिफिकेट, ऐसे करें Apply
Metro Jobs: इस शहर की मेट्रो ट्रेन में निकली वैकेंसी, होना चाहिए ये सर्टिफिकेट, ऐसे करें Apply
घर बैठे ऐसे बनाएं अपना आयुष्मान कार्ड, ये है आसान प्रोसेस
घर बैठे ऐसे बनाएं अपना आयुष्मान कार्ड, ये है आसान प्रोसेस
Vande Mataram Debate: आजादी की लड़ाई में किसने शुरू किया था 'वंदे मातरम' नाम का अखबार? पीएम मोदी ने संसद में सुनाया किस्सा
आजादी की लड़ाई में किसने शुरू किया था 'वंदे मातरम' नाम का अखबार? पीएम मोदी ने संसद में सुनाया किस्सा
Embed widget