RTI में हुआ खुलासा, पीएम मोदी के गोद लिए हुए गांवों में उनकी सांसद निधि से नहीं खर्च हुआ एक भी पैसा
आरटीआई में सवाल किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वार गोद लिए हुए गांवों के विकास में कितना पैसा उनकी निधि से खर्च किया गया है और गांव गोद लिए जाने की तिथि के बारे में भी पूछा गया था. इसके जवाब में पता चला कि गांवों का विकास सांसद निधि से नहीं बल्कि सरकारी खर्चों से हुआ है.

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गोद लिए गांवों को लेकर एक नई बात सामने आई है. जिसके तहत ये खुलासा हुआ है कि मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चार गांव गोद लिए लेकिन उनके विकास के लिए अपने सांसद निधि से उन्होंने एक पैसा भी ख़र्च नहीं किया. गांव का सारा विकास सरकारी खाते से हुआ.
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#मोदी जी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चार गॉंव गोद लिए... लेकिन अपने सांसद निधि से उन्होंने एक पैसा ख़र्च नहीं किया @abpnewshindi pic.twitter.com/dm5hCZ3YhF
— Pankaj Jha (@pankajjha_) July 18, 2018
आरटीआई में सवाल किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वार गोद लिए हुए गांवों के विकास में कितना पैसा उनकी निधि से खर्च किया गया है और गांव गोद लिए जाने की तिथि के बारे में भी पूछा गया था. इसके जवाब में पता चला कि गांवों का विकास सांसद निधि से नहीं बल्कि सरकारी खर्चों से हुआ है.
बता दें कि पीएम ने 4 गांवों को गोद लिया है जिनमें जयापुर, नागेपुर, ककरहिया और डोमरी शामिल हैं. जयापुर गांव को प्रधानमंत्री मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सात नवंबर 2014 को गोद लिया था. जयापुर वाराणसी जिले के सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र में आता है.
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