सबसे पहला काम यूपी चुनाव के लिए BJYM की नई टीम का गठन: पूनम महाजन
मुम्बई: भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) की नवनियुक्त प्रमुख पूनम महाजन ने आज कहा कि उनके सामने तत्काल कार्य एक नयी टीम का गठन करना होगा जबकि विशेष ध्यान उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव पर रहेगा.
6 साल से अधिक समय तक BJYM के अध्यक्ष रहे अनुराग ठाकुर
बीजेपी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की पुत्री एवं वर्तमान में उत्तरमध्य मुम्बई से लोकसभा सांसद पूनम महाजन को बीजेपी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा का गत 15 दिसम्बर को अध्यक्ष नियुक्त किया गया. पहली बार सांसद बनी महाजन ने अनुराग ठाकुर का स्थान लिया जो छह साल से अधिक समय तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे.
अगले तीन साल तक संगठन का नेतृत्व
महाजन ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘मुझे एक नयी टीम बनाने की जरूरत होगी क्योंकि मैं अगले तीन साल तक संगठन का नेतृत्व करूंगी. तत्काल ध्यान उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव पर होगा जिसके लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा कुछ समय बाद सभाएं आयोजित करना शुरू करेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘(नियुक्ति की) खबर जैसे ही फैली, उत्तर प्रदेश से कई व्यक्तियों ने मुझसे सम्पर्क किया जो मेरे पिता के नजदीकी थे. यह मेरे लिए सुखद आश्चर्य था क्योंकि वह भुलाये नहीं गए हैं. उन दिनों के उनके काम से मुझे लोगों से सम्पर्क बनाने में मदद मिल रही है. मैं यह देखूंगी कि इससे बीजेपी को (उत्तर प्रदेश) विधानसभा चुनाव में कैसे लाभ मिलता है.’’
सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य
विधानसभा और लोकसभा सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है. बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 71 सीटें जीती थीं.’’ उन्होंने कहा कि हम एक नये पीपीपी माडल पर आगे बढ़ेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीतिज्ञ...जनता भागीदारी’’ है, जबकि हमारे कार्यकर्ता उस परिवर्तन के एजेंट के तौर पर काम करेंगे जो हमारी निर्वाचित सरकार ला रही है. आप इन्हें सरकार के निर्णयों और नीतियों के सुगमकर्ता या प्रवर्धक कह सकते हैं. किसी भी पार्टी को ऐसे कार्यकर्ताओं की जरूरत होती है जो सरकार के निर्णयों को जनता तक पहुंचाये.’’ नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उसे कुछ विरोध का सामना करना पड़े लेकिन उसके सामने कोई राजनीतिक चुनौती नहीं है.
महाजन ने कहा कि हरियाणा, नयी दिल्ली और उत्तर प्रदेश में जाट, गुजरात में पटेल समुदाय और महाराष्ट्र में मराठा जैसे कुछ समुदायों के विरोध प्रदर्शन कुछ हद तक ‘‘राजनीति’’ से प्रेरित थे.