बिहार: महागठबंधन में 'सीट फैक्टर' बना बंटवारे की अड़चन, एक सीट पर कई दावेदार
कांग्रेस चाहती है कि जैसे बिहार में जेडीयू और बीजेपी बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रही है उसी तरह आरजेडी और उसके बीच सीटों का बंटवारा हो. बाकी बची सीटें सहयोगी दलों में बांट दी जाए लेकिन आरजेडी इसके लिए तैयार नहीं है.

पटना: चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा किसी भी समय कर सकता है. बिहार में एनडीए के बीच कौन सी पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसका फैसला बहुत पहले हो चुका है लेकिन महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर निश्चित फैसला होने में अब भी देरी हो रही है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव दिल्ली में कैंप कर रहे हैं, लेकिन सवाल है कि आखिर मामला सुलझने में इतनी देर क्यों हो रही है?
दरअसल आरजेडी एक तरफ है तो दूसरी तरफ क कांग्रेस के साथ आरएलएसपी है. हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी, लेफ्ट पार्टी और वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी भी महागठबंधन की नाव पर सवार हैं. सभी दलों की अपनी मांगे हैं. कांग्रेस चाहती है कि जैसे बिहार में जेडीयू और बीजेपी बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रही है उसी तरह आरजेडी और उसके बीच सीटों का बंटवारा हो. बाकी बची सीटें सहयोगी दलों में बांट दी जाए लेकिन आरजेडी इसके लिए तैयार नहीं है.
आरजेडी 20 सीटों पर लड़ना चाहती है और बाकी 20 सीटें कांग्रेस, लेफ्ट, आरएलएसपी, हम, शरद यादव की पार्टी और वीआईपी पार्टी में बांटने की बात कह रही है. आरजेडी ने अपनी बात पुख्ता करने के लिए सभी दलों से उम्मीदवारों के नाम मांगे ताकि वह भी एक आधार बने लेकिन इसपर सबकी सहमति नहीं बनी.
अब मामला सीटों को लेकर अटक गया है. दरभंगा, मोतिहारी, शिवहर, उजियारपुर, पूर्णियां, मधेपुरा, बेगूसराय और खगड़िया सीट पर महागठबंधन के एक से ज़्यादा दलों के उम्मीदवार हैं. ऐसे में इन सीटों पर बात नहीं बन पा रही है लेकिन आरजेडी नेता इन सभी मसलों को सुलझा लेने का दावा कर रहे हैं. आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि सीट शेयरिंग शीघ्र अतिशीघ्र हो जायेगा और बता दिया जायेगा.
हालांकि महागठबंधन के ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवार तय हो चुके हैं और उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है. आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली से, बक्सर से जगदानन्द और बांका से जय प्रकाश नारायण यादव का नाम है. वहीं बेगूसराय समेत चार और सीटों पर लेफ्ट का दावा है जिसपर अभी तक तय नहीं हुआ है.
जीतन राम मांझी किसी एक बात पर नहीं रहते. कभी बीस तो कभी आरएलएसपी से ज़्यादा या बराबर सीट पर दावा करते हैं. आरएलएसपी का पांच सीटों पर दावा है लेकिन मोतिहारी और उजियारपुर सीट पर उपेन्द्र कुशवाहा ने वीटो लगा रखा है और यहां भी बात बन नहीं पा रही है.
कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार वह फ्रंट फुट पर खेलने की बात कर रही है. सासाराम से मीरा कुमार, कटिहार से तारिक अनवर, किशनगंज से कांग्रेस के सांसद के निधन होने से खाली सीट पर भी दावा है. इसके अलावा हाल ही में बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनन्द कांग्रेस में शामिल हुई हैं उनके लिए शिवहर सीट पर दावा है. मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव महागठबंधन से लड़ने की पेशकश कर चुके हैं जबकि शरद यादव भी मधेपुरा से ही लड़ना चाहते हैं.
जमुई से बिहार विधान सभा के पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी भी दावा ठोक रहे हैं. मुंगेर से बाहुबली अनंत सिंह के लिए कांग्रेस फील्डिंग कर रही है. सीटों के बंटवारे पर माथापच्ची खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस को उम्मीद है कि सब ठीक हो जाएगा. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि हम ऐसा उम्मीद करते हैं कि इसी सप्ताह सीट शेयरिंग मामले का निष्पादन हो जाएगा.
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Source: IOCL





















