बाढ़ की समस्या से बचने के लिए प्रशासन का काम जून के महीने तक पूरा हो जाना चाहिए था. मगर प्रशासन की लापरवाही ने लोगों को अपने आसरे को ओझल होते हुए देखने के लिए मजबूर कर दिया है. बलिया जिले में साल 2013 से आई बाढ़ में गंगापुर, मीनापुर, रिकनीछपरा, शाहपुर, श्रीनगर समेत में दर्जनों गांव तबाह हो चुके हैं. इस बार की त्रासदी में गोपालपुर, उदईछपरा, प्रसादछपरा, पाण्डेयपुर, आलम राय का टोला समेत दसों गांव अपने विनाश के कगार पर हैं.
यूपी में गंगा और सहायक नदियां उफान पर, लाखों लोग प्रभावित
उत्तर प्रदेश में पूर्वाचल सहित लगभग एक दर्जन जिलों में बाढ़ का कहर जारी है. गंगा और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में अभी भी वृद्घि जारी है. अधिकारियों ने प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में जाने और सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है.
अधिकारियों के मुताबिक, कई जगहों पर वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से राहत सामग्री बांटने का काम जारी है. सेना की भी मदद ली जा रही है.
यूपी में इलाहाबाद, वाराणसी, गाजीपुर, बलियां और चंदौली जिलों में बाढ़ की वजह से स्थिति बेहद खराब हो गई है. गाजीपुर में बाढ़ का आलम यह है कि जिलाधिकारी आवास में भी पानी भर गया है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इंटरमीडिएट तक के स्कूलों को दो दिन तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है.
गाजीपुर में सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित
गाजीपुर में सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. लोग बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. प्रशासन का दावा है कि प्रभावितों की पूरी मदद की जा रही है लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि उनका हाल जानने के लिये कोई अधिकारी गांवों तक नही पहुंच पा रहा है.
गाजीपुर के जिलाधिकारी संजय खत्री के मुताबिक, प्रभावित गांवों में हर सम्भव मदद दी जा रही है. बाढ़ राहत चौकियों के माध्यम से गंगा के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. खत्री के मुताबिक हालांकि अभी लोगों को बाढ़ से राहत नही मिलेगी.
उधर, बलिया में गंगा और घाघरा नदियां उफान पर हैं. दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. यहां स्थिति बेहद भयावह हो गई है. लोग अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.
जिलाधिकारी गोविंद एस राजू ने बताया कि बाढ़ की वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है लेकिन प्रशासन उनकी पूरी मदद कर रहा है. लोगों की मदद के लिए सेना से भी संपर्क किया गया है. ताकि लोगों तक राहत सामग्री पहुंचायी जा सके.
बलियां में बनाई गई 50 से अधिक बाढ़ चौकियां
बलियां में 50 से अधिक बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं. जहां अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. जिलाधिकारी के मुताबिक आवश्यकता पड़ने पर चौकियों की संख्या में और इजाफा किया जाएगा.
गाजीपुर और बलियां के अलावा बनारस और उससे सटे चंदौली जिले में भी बाढ़ का कहर जारी है. बनारस में स्थिति काफी चिंताजनक है. रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है जिससे लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं. अस्सी घाट, बनारस सिटी, कैंट, नगवा, सामने घाट सहित कई इलाके पानी में पूरी तरह से डूब गए हैं.
जिलाधिकारी विजय किरण आनंद स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. बाढ़ चौकियों की माध्यम से गश्त बढ़ा दी गयी है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि गंगा के जलस्तर में जल्द ही कमी आयेगी और लोगों को राहत मिलेगी.
इलाहाबाद में बाढ़ का विकराल रूप
इस बीच, इलाहाबाद के शहर और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का विकराल रूप बढ़ता जा रहा है. शहर में 30,000 और ग्रामीण इलाके में 50,000 से ज्यादा परिवार मुश्किल में फंसे हैं.
हालात को देखते हुए एयरफोर्स के हैलीकप्टर से यमुनापार इलाके में मुश्किल में फंसे देवरा, लोनीपार, इटवा और सतपुर इलाके में राहत सामग्री बांटी गई. इस इलाके का संपर्क चारों तरफ से कटा हुआ है.
जिलाधिकारी संजय कुमार ने मजिस्ट्रेटों की टीम के साथ पुलिस, पीएसी और एनडीआरएफ की टीमों को राहत कार्य के लिए मैदान में उतार दिया है और नए राहत शिविर खुलवाने शुरू कर दिए.
शहर में करैलाबाग, गौस नगर, नेवादा, सलोरी, बघाडा, राजापुर समेत बाढ़ प्रभावित इलाकों में तेजी से पलायन शुरू हो गया.







