D Company in Mumbai: 20 साल बाद फिर मुंबई में क्यों सक्रिय हो गया दाऊद गिरोह?
D Company Active in Mumbai: भारतीय एजेंसियों का हमेशा से यह मानना रहा है कि दाऊद पाकिस्तान में है.
After 20 Years D Company Comeback in Mumbai: सोमवार से एक बार फिर मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम सुर्खियों में है. एनआईए ने सोमवार को मुंबई के 29 ठिकानों पर छापेमारी कर करीब ढाई दर्जन लोगों से पूछताछ की. ऐसा लगने लगा था कि डी कंपनी ने मुंबई से अपनी गतिविधियां समेट ली हैं एक बार फिर उसके सक्रिय होने की खबरें सामने आई हैं. भारतीय एजेंसियों का हमेशा से इस बात का मनना रहा है कि दाऊद पाकिस्तान में है. पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेन्सी आईएसआई ने उसे शह दे रखी है और भारत विरोधी गतिविधियों के लिए उसका इस्तेमाल कर रही है.
70 और 80 के दशक तक दाऊद एक गैंस्टर था जो पैसे के लिए खून खराबा करता था लेकिन 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से उसके आतंक मंसूबों का भी पर्दाफ़ाश हो गया. इन धमाकों में ढाई सौ से ज़्यादा लोग मारे गए थे और करीब साढ़े सात सौ लोग घायल हुए थे. जांच में पता चला कि धमाकों के लिए विस्फोटक आईएसआई ने दाऊद के स्मग्लिंग नेटवर्क का इस्तेमाल कर भिजवाए थे. बमकांड के बाद मुंबई में फिर एक बार दंगे करवाने की भी साज़िश थी जिसके लिए दाऊद की ओर से हथियारों की खेप भेजी गए थी.
पाकिस्तानी क्रिकेटर के बेटे से की बेटी की शादी
दाऊद को पकड़कर भारत वापस लाने की या फिर उसे पाकिस्तान की ज़मीन पर ही ढेर करने की भारतीय एजेंसियों की तमाम कोशिशें अब तक नाकामयाब रही हैं. पाकिस्तान हमेशा से ये कहता रहा है कि दाऊद उसके पास नहीं है लेकिन भारत दाऊद की पाकिस्तान में मौजूदगी के सबूत बार-बार देता रहा है. साल 2005 में यह बात सार्वजनिक हो गई थी दाऊद की बेटी की शादी पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद के बेटे के साथ हुई.
कराची में ऐशो आराम की जिंदगी बिता रहा है दाऊद
भारत के प्रयासों से दाऊद को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित कर रखा है इंटरपोल ने उसके ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा है लेकिन पाकिस्तान सरकार की कथित मदद से दाऊद कराची में ऐशोआराम की ज़िंदगी बिता रहा है. साल 2003 से पहले तक दाऊद गिरोह मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर हावी था. गिरोह की तरफ़ से रोज़ाना कारोबारियों और फ़िल्मी हस्तियों को धमकी भरे फ़ोन आते थे. कई लोगों की हत्याएं डी कंपनी की तरफ़ से करवाई गई थी लेकिन 2003 के बाद से डी कंपनी मुंबई में ठंडी पड़ गई.
2002 डी कंपनी ने मुंबई में की थी आखिरी हत्या
ये वो साल था जब दाऊद के भाई इकबाल कासकर को डिपोर्ट करके भारत लाया गया. माना जाता है कि अपने भाई की सुरक्षा के मद्देनज़र दाऊद ने मुंबई में अपना ऑपरेशन समेट लिया. साल 2002 में दाऊद गिरोह की ओर से आख़िरी हत्या अली नांजीयनी नाम के एक केबल चैनल चलाने वाले शख़्स की हुई थी.
20 साल बाद मुंबई में 'डी कंपनी' सक्रिय
लगभग बीस साल के बाद दाऊद गिरोह मुंबई में फिर एक बार अपना सिर उठाते नज़र आ रहा है. NIA के मुताबिक़ दाऊद भारत में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने की फ़िराक़ में है. देश की कई बड़ी हस्तियां उसके निशाने पर हैं. रियल एस्टेट और मनी लांड्रिंग के मार्फ़त दाऊद गिरोह टेरर फ़ंडिंग कर रहा है. इस काम में दाऊद का छोटा भाई अनीश, साथी छोटा शकील और टाइगर मेनन उसकी मदद कर रहे हैं.
इस वजह से दाऊद को ISI के इशारों पर चलना होगा
अंडरवर्ल्ड में हर काम नफा नुकसान देखकर किया जाता है इसी वजह से दाऊद भी आईएसएई के इशारों पर नाच रहा है. क्योंकि आईएसआई की वजह से ही दाऊद कराची में सुरक्षित होकर एशो आराम से रह रहा है. ISI न केवल उसे भारतीय एजेंसीज से बचाते आयी है बल्कि छोटा राजन गिरोह के शूटरों से भी उसकी हिफाजत की है. पाकिस्तान में टिके रहने की खातिर दाऊद के लिए ये ज़रूरी है कि वो खुद को ISI के लिए उपयोगी बनाये रखे.
यह भी पढ़ेंः
BMC ने राणा दंपत्ति को भेजा कारण बताओ नोटिस, 7 दिनों के भीतर मांगा जवाब
Jharkhand Politics: झारखंड सरकार में कांग्रेस विधायक नाराज, 14 मई को करेंगे आलाकमान से मुलाकात
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets