जोशीमठ से लोगों को निकालने का सिलसिला जारी, CM धामी बोले- 60 फीसदी से ज्यादा चीजें सामान्य
CM Pushkar Singh Dhami: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब तक जोशीमठ के 90 परिवारों को ट्रांसफर किया गया है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में पुनर्वास की कार्रवाई पूरी योजना के साथ की जाएगी.

Uttarakhand News: उत्तराखंड के जोशीमठ में लंबे समय से भू-धंसाव और दरारों की समस्या देखी जा रही है. समस्या समय के साथ तेजी से बढ़ रही है. आलम यह है कि अब जोशीमठ के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है. जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर कई अध्ययन किए जा रहे हैं. इनमें एक बात यह भी सामने आ रही है कि पिछले 12 दिनों में भू-धंसाव की गति बढ़ी है. असुरक्षित घोषित दो होटलों को ढहाए जाने और प्रभावित लोगों के सुरक्षित स्थानों पर जाने का सिलसिला लगातार जारी है. जोशीमठ में डरे-सहमे हुए लोग नम आंखों से अपने आशियानों को छोड़कर जाने को मजबूर हो गए हैं. कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं तो कई प्रभावित लोग अस्थाई राहत शिविरों में रहने को मजबूर हो गए हैं.
इस बीच कल (13 जनवरी) राज्य मंत्रिमंडल ने भी प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कई निर्णय लिए, जिनमें उनके मकानों के किराये की धनराशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये प्रतिमाह कर दी गई. इसके साथ ही उनके बिजली-पानी के बिल छह माह के समय के लिए माफ करना और बैंकों से उनके ऋणों की वसूली एक साल तक स्थगित रखना शामिल है. रुड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) की तकनीकी निगरानी में दरारों के कारण ऊपरी हिस्से से एक दूसरे से खतरनाक तरीके से जुड़ गए दो होटलों-सात मंजिला 'मलारी इन' और पांच मंजिला 'माउंट व्यू' को तोड़ने की कार्रवाई जारी रही. इन दोनों होटलों के कारण उनके नीचे स्थित करीब एक दर्जन घरों को खतरा उत्पन्न हो गया था. उधर, चमोली में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि जोशीमठ के 25 और परिवारों को शुक्रवार को अस्थायी राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया. इन अस्थायी राहत शिविरों में प्रभावितों को ठंड से बचाने की तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं. प्रभावितों के लिए कंबल के साथ ही खाद्यान्न की भी व्यवस्था की गई है. उन भवनों की संख्या अभी 760 है, जिनमें दरारें आई हैं. इनमें से 147 को असुरक्षित घोषित किया गया है.
90 परिवारों को किया गया है ट्रांसफर
चमोली के डीएम हिमांशू खुराना ने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों के लिए कैंप बनाए गए हैं, एक किचन भी बनाया गया है. यह सभी लोगों के लिए खुला है, वे किसी भी समय आकर यहां भोजन कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ''मैंने यहां लोगों के साथ भोजन किया. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे परस्पर निरीक्षण करते रहें.'' मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब तक जोशीमठ के 90 परिवारों को ट्रांसफर किया गया है. उन्होंने फिर साफ किया कि अभी किसी के मकान को तोड़ा नहीं जा रहा है और केवल आवश्यकतानुसार उन्हें खाली करवाया जा रहा है. धामी ने कहा कि जोशीमठ में सर्वेक्षण करने वाले दल अपना काम कर रहे हैं. प्रभावितों की हर संभव मदद के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है और गुरुवार से इसका वितरण भी शुरू कर दिया गया है.
60 प्रतिशत से ज्यादा चीजें चल रही हैं सामान्य
सीएम धामी ने कहा कि जोशीमठ में पुनर्वास की कार्रवाई पूरी योजना के साथ की जाएगी. धामी ने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है और हम उसी के अनुसार फैसले ले रहे हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वहां का जनजीवन सामान्य है और 60 प्रतिशत से ज्यादा चीजें सामान्य चल रही हैं. इस बीच मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एक सप्ताह के भीतर राहत पैकेज प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजने और उन्हें मकान के किराये के रूप में दी जाने वाली धनराशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया.
प्रदेश के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि जोशीमठ में राज्य सरकार के संसाधनों से अल्पकालीन और मध्यकालीन कार्य जारी रहेंगे, जिन पर होने वाले व्यय का समायोजन केंद्र से राहत पैकेज मिलने पर किए जाने को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी.
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Source: IOCL























